पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी व श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के जिम्मेदार मौके से रहे गायब
क्षेत्र के अधिकांश सड़कों की बदहाल स्थिति में तत्काल सुधार की मांग को लेकर सोमवार को स्थानीय जय स्तंभ चौक पर आम लोगों के द्वारा चक्काजाम किया गया।जानकारी मुताबिक इस पूर्व निर्धारित आंदोलन के बारे में अधिवक्ताओं की एक टीम द्वारा कुछ समय पहले प्रशासन व अन्य जिम्मेदारों को ज्ञापन सौंपा गया था। बता दें 5 फरवरी को जय स्तंभ चौक पर आम नागरिकों के साथ साथ स्थानीय अधिवक्ताओं के द्वारा आर्थिक नाकेबंदी कर दी गई। हालांकि, इस दौरान सिर्फ मालवाहक ट्रकों का आवागमन बाधित किया गया। वहीं, चक्काजाम के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी एसडीएम डिगेश पटेल व पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे।
बताना लाजिमी होगा कि धरमजयगढ़ नगरवासियों को बेहतर सड़कों से वंचित करने का आरोप लगाते हुए यह नाकेबंदी की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों का पूरा फोकस कापू रोड के निर्माण में देरी होने पर रहा। यहां कुछ जागरूक लोगों द्वारा क्रशर खदान से कथित तौर पर गिट्टी के अवैध विक्रय का मुद्दा उठाया गया जिस पर एसडीएम ने 4 ट्रक गिट्टी पकड़ने तथा सभी वाहनों को थाने के सुपुर्द करने की बात कही। लेकिन लोगों के द्वारा हाटी से पत्थलगांव रोड परियोजना में किसी भी प्रकार की परेशानी की बात नहीं कही गई, और न ही उस रोड निर्माण कार्य को लेकर कोई भी विषय प्रशासन के संज्ञान में लाया गया। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शन के दौरान मौके पर पीडब्ल्यूडी व श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के कोई भी जिम्मेदार मौजूद नहीं रहे। उन्हें बुलाए जाने को लेकर भी प्रदर्शनकारियों की ओर से कोई मशक्कत नहीं की गई। यह एक तरह से पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारी व खरसिया से पत्थलगांव के सड़क निर्माण का क्रियान्वयन कर रही श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर नामक एक कंपनी को वॉकओवर मिलने जैसा रहा।जिसके बाद आखिरकार वही हुआ जो अक्सर होता आया है। एक त्रिपक्षीय लंबी वार्ता के बाद एसडीएम डिगेश पटेल व कापू रोड प्रोजेक्ट के जिम्मेदार द्वारा शहरी क्षेत्र में बिना देरी के काम शुरू करने के मौखिक आश्वासन पर जाम खोला गया।
इन बाधाओं के कारण हो रही देरी
इस मामले में जानकारों का कहना है कि कापू रोड प्रोजेक्ट की बात करें तो शहरी क्षेत्र में भूअर्जन, मुआवजा, सरकारी भवन का विस्थापन, पेड़ों की कटाई व अन्य कई कार्यों की प्रक्रिया लंबित होने की वजह से इस सड़क मार्ग के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है। जानकारों की माने तो इन सब के लिए की जाने वाली अनिवार्य सरकारी क्रियाकलापों को पूरा किए बिना सड़क निर्माण संभव नहीं है और इसके लिए सभी को मिलकर सहयोग करना होगा तभी सड़क निर्माण का कार्य तीव्रता से हो सकेगा।