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इंटरनेट पर बाल यौन शोषण सामग्री सर्च करने और सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले हैं पुलिस की रडार में
धरमजयगढ़ पुलिस ने साइबर टिप लाइन आवेदन की जांच पर कार्यवाही करते हुए धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम आमापाली निवासी शुभम सोनी पिता गणेश प्रसाद सोनी उम्र 23 वर्ष निवासी को आईटी एक्ट के अपराध में गिरफ्तार कर कोर्ट पेश करने के बाद जेल दाखिल किया गया है । विदित हो कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बच्चों से संबंधित अश्लील कंटेंट की निगरानी भारत सरकार की एजेंसी एनसीआरबी द्वारा की जाती है । वर्ष 2000 में बने आईटी एक्ट की धारा 67(बी) के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को सोशल मीडिया पर अपलोड करना, शेयर करना, इसे रिकॉर्ड करना या वेबसाइट पर ब्राउज करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे कंटेंट अपलोड करने वाले या सर्च करने वालों को ट्रैक कर कार्यवाही के लिए एजेंसी संबंधित राज्य के पुलिस मुख्यालय को ईमेल किया जाता है । इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय तकनीकी सेवा शाखा, नवा रायपुर से पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को प्राप्त साइबर टिप लाइन जांच-पड़ताल के लिए संबंधित थाना क्षेत्र धरमजयगढ़ प्रभारी को प्रेषित किया गया था । थाना प्रभारी धरमजयगढ़ निरीक्षक अमित कुमार तिवारी द्वारा साइबर टिप लाइन के साथ प्राप्त हुए फोटो/विडिओ की जांच किए जिसमें अश्लील कंटेंट धारा 67 (B) आईटी एक्ट के तहत अपराध का पाए जाने पर मोबाइल नंबर 787952XXXX के धारक शुभम सोनी आमापाली के विरुद्ध 06 जनवरी को अपराध पंजीबद्ध किया गया और तत्काल आरोपी की पतासाजी किये जो फरार था । आज मुखबीर सूचना पर आरोपी को हिरासत में लिए आरोपी शुभम सोनी से पूछताछ करने पर उसने जून 2022 में सोशल मीडिया पर बच्चों से संबंधित अश्लील कंटेंट अपलोड करना स्वीकार किया । आरोपी शुभम सोनी से घटना में प्रयुक्त मोबाइल को जप्त कर आज आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश कर जेल वारंट पर जिला जेल रायगढ़ दाखिल किया गया है । एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा के सतत मार्गदर्शन में प्रकरण की जांच विवेचना एवं आरोपी की पतासाजी, गिरफ्तारी में थाना प्रभारी धरमजयगढ़ निरीक्षक अमित कुमार तिवारी, सहायक उप निरीक्षक अमृत मिंज, आरक्षक किशोर राठौर, पुष्पेंद्र सिदार, कमलेश्वर सिंह राठिया और महिला आरक्षक प्रियंका मिंज की अहम भूमिका रही है । रायगढ़ पुलिस की अपील है कि भूलकर भी इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कंटेंट सर्च ना करें और न ही इससे संबंधित सामग्री किसी को भेजें, क्योंकि ऐसा करते ही आपका मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप भारत सरकार की एजेंसी द्वारा ट्रैक कर ली जाती है ।