डेस्क खबर खुलेआम
घरघोड़ा के न्यायालय ने वन विभाग के विवेचना पूर्ण नहीं होने कारण हाथी के हत्या के मामले में चार आरोपियों को जमानत दे दी। ज्ञात हो कि अक्टूबर 2023 को वन परिक्षेत्र अधिकारी छाल के द्वारा एक हाथी को मारने के आरोप में नंदकुमार राठिया ,हृदय राम राठिया ,जय सिंह राठिया और महादेव रतिया को आरोपी बना कर जिला जेल भेज दिया था जिसमें आरोपिगणके खिलाफ धारा 2,9,39, 51 एवं 52 वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत गिरफ्तार कर दिनांक 25 10 2023 को जेल भेज दिया था
वन परिक्षेत्र अधिकारी छाल और वन अनुविभागीय अधिकारी वन मंडल धर्मजयगड़ के द्वारा आरोपी गण को गिरफ्तार करने के पश्चात निर्धारित समय पर किसी प्रकार का कोई रिमांड न्यायालय से नहीं लिया गया और ना ही आरोपीगण के खिलाफ कोई सबूत इकट्ठा किया गया। न्यायालय द्वारा सबूत इकट्ठा कर निर्धारित समय में विवेचना कर चालान प्रस्तुत नहीं कर पाने की स्थिति में आरोपीगण को डिफॉल्ट जमानत में रिहा कर दिया गया ।इस प्रकार से वन अधिनियम के तहत कार्यवाही तथा एक हाथी के मौत पर वन विभाग सक्रियता के साथ आरोपियो के विरुद्ध सबूत भी इकट्ठा नहीं कर पाए थे और आरोपी गण को जमानत का लाभ मिल गया। इस पूरे मामले में वन अमला सुस्त नजर आया।
अधिवक्ता सुनील सिंह ठाकुर ( वर्शन)
हमने कहा था कि वन विभाग के द्वारा आदिवासियों के विरुद्ध झूठा प्रकरण तैयार किया गया है उन्हें जबरन फसाया गया था! वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा विवेचना सही नहीं किया और समय से साक्ष्य इकट्ठा कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं कर पाने के कारण आरोपियो को माननीय न्यायालय द्वारा जमानत का लाभ दिया गया है