पेंड्रा से दीपक गुप्ता की खास ग्राउंड रिपोर्ट
पेंड्रा/एशिया के ग्रीन बेल्ट कहे जाने वाले मरवाही वन मंडल के वन परीक्षेत्र पेंड्रा के तिलोरा बीट में संरक्षित प्रजाति के साल वृक्षों की कटाई वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के संरक्षण में किया जा रहा है। खुलेआम चल रही इस अवैध कटाई की शिकायत ग्रामीण इसलिए नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वनांचल क्षेत्रों में वन कर्मियों का खौफ रहता है। ग्रामीणों से मिली शिकायत के आधार पर rm 24 संवाददाता दीपक गुप्ता ने अवैध कटाई वाले क्षेत्र का दौरा किया एवं वहां की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है अत्यंत चौंकाने वाली है।उल्लेखनीय है कि मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन परीक्षेत्र का तिलोरा बीट कटघोरा वन मंडल के पसान वन परिक्षेत्र से सटा हुआ है। सघन साल वनों से आच्छादित यह क्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हित है जहां बीते दो-तीन वर्षों से लगातार हाथियों की आवाजाही हो रही है तथा ग्रामीण हाथियों के खौफ से दहशत के साए में जीने को मजबूर है। पिछले सितंबर अक्टूबर महीने में ही क्षेत्र में हाथियों ने बड़ा उत्पात मजा आया था जिससे ग्रामीण अभी तक उबर नहीं पाए हैं और अब वन विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे यहां पदस्थ वन कर्मचारी अवैध कटाई को अंजाम दे रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर इस संवाददाता ने कटाई प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया तो जो जानकारी सामने आई उसके अनुसार यहां का माली ही बहारों को उजाड़ रहा है। दबे स्वरों में ग्रामीणों ने बताया यहां चल रही कटाई का निर्देश यहां पदस्थ वन कर्मचारी ही दिया है । यहां पर 12 से 15 साल सरई वृक्षों की बेदर्दी से कटाई कर दी गई है जिसमें से आधी लकड़ियां ले जाई जा चुकी है तथा आधी लकड़ियां मौके पर ही पड़ी है। ग्रामीण बताते हैं कि वृक्षों की कटाई से उन्हें बहुत तकलीफ है क्योंकि वही उनका जीवन है वह कभी वनों को इस तरह नुकसान नहीं पहुंचाते। अपने उपयोग के लिए वह केवल गिरी हुई लकड़ियों को ले जाकर जलाऊ लकड़ी ओं के रूप में इस्तेमाल करते हैं परंतु वन कर्मचारी उन्हें वन में जाने से रोकते हैं शायद उनका मकसद यह होता है कि ग्रामीण वन में ना जा पाए तथा उनकी अवैध कारगुजारियां लोगों के सामने ना आ सके। RM 24 संवाददाता दीपक गुप्ता ने अवैध कटाई का छायाचित्र अपने कैमरे में कैद किया तथा वह पदस्थ वनकर्मचारी की कारगुजारीयों को जनसामान्य के सामने लाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया। ज्ञात हो छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र संरक्षित साल प्रजाति के वृक्ष के लिए देश दुनिया में प्रसिद्ध है इन वनों की विशेषता होती है कि इनका रोपण नहीं किया जा सकता ।यह साल प्रजाति का वृक्ष प्राकृतिक रूप से ही वन क्षेत्रों में पैदा होता है तथा यहां का वातावरण एवं जलवायु साल वनों के अनुकूल है परंतु वन कर्मचारी इसे संरक्षित प्रजाति के वृक्षों की कटाई करा रहा है या संरक्षण दे रहा है