धान खरीदी में बड़ा फर्जीवाड़ा, लैलूंगा की तर्ज पर धरमजयगढ़ में भी फर्जी एंट्री

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डेस्क खबर खुलेआम

राजीव गांधी किसान न्याय योजना में बिना बैंक एकाउंट वाले किसानों का पंजीयन करने का खुलासा होने के बाद अब हडक़ंप मचा हुआ है। रायगढ़ जिले में एक बार फिर लैलूंगा और धरमजयगढ़ की समितियां सुर्खियों में हैं। इन्हीं दोनों तहसीलों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी हुई है।लैलूंगा ब्लॉक की सहकारी समितियों में फर्जीवाड़े के नए-नए तरीके खोजे जाते हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में सामने आई गड़बड़ी भी यहीं सबसे ज्यादा हुई। सरकार ने बोनस की पहली किश्त जारी की जो रायगढ़ के 659 किसानों तक नहीं पहुंची।इसमें लैलूंगा के 153 और धरमजयगढ़ के 127 किसानों के नाम शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें से कई किसानों ने पंजीयन कराया ही नहीं था। उनके नाम से कंप्यूटर ऑपरेटरों ने फर्जी पंजीयन करवाया था। धान की खरीदी भी कर ली गई और समर्थन मूल्य भी ले लिया गया। सवाल यह उठ रहा है कि जब बोनस रुक गया तो समर्थन मूल्य कैसे ले लिया गया। यही खुलासा एमएसपी के ऑनलाइन अंतरण के समय भी होनी थी। आशंका जताई जा रही है कि एकाउंट नंबर को बदलने का प्रयास किया जा रहा था। पोर्टल में कुछ रुकावट आने के कारण इस बार खेल पूरा नहीं हो सका। इस खेल में सहकारी समितियों के प्रबंधकों के अलावा विभाग की भी भूमिका है।

किसान का भी वेरीफिकेशन
दरअसल, इस पूरे घपले मास्टरमाइंड लैलूंगा में ही हैं। बड़ी आसानी से किसान के नाम पर फर्जी पंजीयन करके अपना एकाउंट नंबर डाल दिया जाता है। उन्हीं किसानों को एमएसपी की राशि का भुगतान हुआ या नहीं, इसकी जांच होगी तो कई राज खुलेंगे। समितियों में घपलों पर चुप्पी साधने वाले कई अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं।

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