
डेस्क खबर खुलेआम
गणेश भोय तमता
थाना तपकरा क्षेत्रांतर्गत पीड़िता जो कि वर्तमान में अपनी मां के साथ जशपुर क्षेत्र में रहती है, ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी रितेश प्रताप सिंह जो कि उसे वर्ष 2023 में अपने साथ बहला फुसलाकर भगा कर ले गया था, जिसकी रिपोर्ट करने पर रितेश प्रताप सिंह को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल से छूटने के बाद दिनांक 17.05.25 को आरोपी रितेश प्रताप सिंह, पीड़िता को शादी करूंगा, कहकर अपने साथ मोटर साइकल में बैठा कर, बादलखोर जंगल ले गया, जहां लकड़ी के टुकड़े से पीड़िता के साथ मारपीट व गाली गलौच करने लगा, फिर अपने साथ पीड़िता को लेकर अपने घर कुनकुरी आ गया, वहां भी वह पीड़िता को लगातार प्रताड़ित कर रहा था, कुनकुरी में दो दिन रहने के बाद आरोपी रितेश प्रताप सिंह पीड़िता को लेकर थाना नारायणपुर क्षेत्रांतर्गत एक ग्राम में अपने रिश्तेदार के यहां लाकर रखा था, इस दौरान आरोपी ने पीड़िता से मारपीट करते हुए सिगरेट से उसके गुप्तांगों को भी जलाया है और दांत से पीड़िता के शरीर को काटा है, जिससे पीड़िता के शरीर में कई जगह दांत के काटने से निशान बन गए हैं, आरोपी की मारपीट से पीड़िता के आंख के नीचे भी चोट के निशान हैं, पीड़िता किसी तरह जान बचाकर, अपनी मां के साथसिटी कोतवाली जशपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई है। चूंकि घटना स्थल थाना नारायणपुर क्षेत्रांतर्गत होने से, सिटी कोतवाली जशपुर में रिपोर्ट दर्ज कर, मामले को जांच विवेचना व नंबरी हेतु थाना नारायणपुर प्रेषित किया गया।
रिपोर्ट पर थाना नारायणपुर में आरोपी रितेश प्रताप सिंह के खिलाफ बी एन एस की धारा296, 115(2), 118, 64, व 62 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच विवेचना में लिया गया है। व पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है। पुलिस के द्वारा मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई कर आरोपी रितेश प्रताप सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस की पूछताछ पर आरोपी रितेश प्रताप सिंह के द्वारा अपराध स्वीकार करने व प्रयाप्त अपराध सबूत पाए जाने पर विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। ➡️ आरोपी रितेश प्रताप सिंह का पिता संजीव सिंह राजपूत भी थाना कुनकुरी का निगरानी बदमाश है, उसके विरुद्ध थाना कुनकुरी में मारपीट, गुंडागर्दी, चोरी जैसे मामलों के कुल 34 प्रकरण दर्ज हैं, सजीव सिंह राजपूत को पुलिस से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जिला प्रशासन के द्वारा वर्तमान में छह माह के लिए जिला बदर किया गया है।