रिषभ तिवारी की रिपोर्ट :
धरमजयगढ़ :- धरमजयगढ़ क्षेत्र में ख़राब धान बीज की सप्लाई की वजह से अब कई किसान दाने-दाने को मोहताज हैं और मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। मुआवजा न मिलने की स्थिति में किसानों को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।
दरअसल कृषि विभाग की तरफ से धान का बीज किसानों को बेचा गया था। किसानों ने अपने खून-पसीने से इस फसल को बोया और सींचा लेकिन फसल जब तैयार हुई तो ख़राब बीज की वजह से धान में बालियां तो लगी लेकिन बालियों में बीज ही नहीं हुए।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के मुताबिक संबंधित ग्रामसेवक द्वारा धरमजयगढ़ क्षेत्र के कई किसानों को किसान मित्र के सहयोग से आर पी बायो 226 किस्म का धान बीज प्रदान किया गया था। जिसमें किसानों को बताया गया था कि उक्त धान पतला धान होने के साथ साथ 130 दिन में पक कर तैयार हो जाता है, साथ ही कम लागत व कम पानी मे उपज होने वाली फसल के रूप में क्षेत्र के किसानों को यह धान बीज दिया गया था। वहीं लघु सीमान्त किसानों के लिए आधा दर में बीज उपलब्ध कराया गया था। जिसके तहत इन किसानों को 30 kg का बोरी 900 रुपये के दर से प्रदान किया गया था। सरकारी धान बीज की कथित धोखाधड़ी का शिकार हुए क्षेत्र के दो गांव के किसानों की बात करें तो बंगरसुता में पवन सिंह, लालन सिंह, तेज प्रताप सहित अन्य किसानों ने इस धान की रोपाई अपने अपने खेतों में की थी। वहीँ महराजगंज गांव के चनेश राम राठिया, अभिमन्यु राठिया, छत्रसाल, अरुण सहित दर्जनों किसान धान के बीज के दुष्प्रभाव का खामियाजा भुगत रहे हैं। वहीं बंगरसुता के एक किसान ने बताया कि वह तीन एकड़ भूमि में 90 बोरी धान उपार्जित करता था जो आज इस बीज को लगाने के बाद 9 बोरी धान की पैदावार हो पाना मुश्किल लग रहा है।
किसानों का आरोप है कि उन्हें पैसे लेकर सरकार की तरफ से धान का बीज दिया गया था, लेकिन इन बीजों की खराब किस्म की वजह से धान में बालियां तक नहीं लगीं और जहां बालियां लगी भी हैं तो उनमें बीज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जहां एक बीघे में 6-7 क्विंटल धान की पैदावार होती थी अब एक क्विंटल भी मुनासिब नहीं हो पायेगा।
इस संबंध में धरमजयगढ़ वरिष्ठ क़ृषि विस्तार अधिकारी ए के पटनायक ने फोन पर बताया कि कई ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से इस तरह की शिकायतें मिली हैं। जिसके संबंध में जिला प्रशासन एवं बीज निगम को अवगत कराया गया है। मुआवजे के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों से प्राप्त दिशानिर्देश के अनुसार आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।