तहसील में वन अधिकार पट्टा मामला फिर आया सामने

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
1000460042

जशपुर जिले के पत्थलगांव में अधिकार पट्टा मामले में राजस्व विभाग के बार-बार चुक वन अधिकार पट्टा को लेकर फिर एक बार मामला आया सामने जिसमे मिली जानकारी अनुसार जशपुर जिला पत्थलगांव तहसील अंतर्गत करमिटिकरा के किसान ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें किसान के काबिज जमीन को दूसरे किसान के नाम वन अधिकार पट्टा देने का मामला बताया है उक्त मामले में किसान ने जशपुर कलेक्टर से निवेदन किया किया है कि जिस जमीन पर मेरा कब्जा रहा है वह जमीन पर दूसरे किसान को वन अधिकार पट्टा प्रदान किया गया है जिसे निरस्त कर पुनः सरकार व शासन जांच कर वास्तविक भू स्वामी को वन अधिकार पट्टा प्रदान करे। आपको बता दे की किसान के जीवन यापन के परिवार का भरण पोषण उक्त खेत खलिहान से चल रहा था इस बड़े झाड़ के जमीन को यह और इसका पूर्वज पीढ़ी दर पीढ़ी से देखरेख कर खेती करते आया है जिसे पटवारी के लापरवाही से दूसरे किसान के नाम सत्यापित कर वन अधिकार पट्टा दीया गया जिसकी भनक मुझे नहीं थी। यह बात पंचायत के पंचनामा में भी सत्यापित है जिसमें मंगल साय पोर्ते का काबिज़ होना बताया गया है।पंचायत के पंचनामा में यह लिखित कर स्पष्ट कर दीया है जिसे तहसील कार्यालय सूचना देने के बात किसान ने कही है लेकिन तहसील कार्यालय में इस गम्भीर ममला पर आज तक किसी प्रकार के जांच नही करने के बात कही है। जिससे पटवारी के साथ साथ राजस्व विभाग के लापरवाही कहा जाय तो गलत नहीं, जिसमें किसान के आपत्ति के बाद उस पर कोई विचार नहीं करना । आप लोगों को यह बताना भी जरुरी हो जाता है की, यह मामला वन अधिकार पट्टा का ममला तहसील कार्यालय के लिए पहला मामला नहीं जिसमें ऐसी चूक हुई हो पूर्व में भी रामपूकार सिंह पत्थलगांव विधायक का मामला वन अधिकार पट्टा से जुड़ा मामला है जिसमें बे काबिज को काबिज बता के पट्टा लेने का आरोप लगे हैं। जिसमें वन अधिकार पट्टा को विधायक के समर्पण के बाद भी आज तक निरस्तीकरण को लेकर अभी तक तहसील कार्यालय कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई न कोई ठोस तथ्य समाने रखी गई हो। वहीं अब दूसरा मामला संतराम पोर्ते पिता मंगल साय निवासी करमि टिकरा वन अधिकार पट्टा का खेला सवालिया निशा है जिसमें इसकी टोपी उसके सर पर के खुला खेल तहसील कार्यालय में चल रहा है।जिसमें मंगल साय जाति गोड़ आदीवासी खसरा नंबर 212/72 काबिज़ करते आया जिसे अपात्र घोषित कर दुसरे किसान को पात्र कर वन अधिकार पट्टा धमा दीया गया है। लेकिन इन सब मामलों में किसान शासन से न्याय के भरोसे में है जो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा लेकिन अभी तक जांच के कड़ी में कोई कदम दिखती नजर नहीं आ रही है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment