धरमजयगढ़ में इस बार भाजपा ने हरिश्चंद्र राठिया को उम्मीदवार बनाया है तो वही कांग्रेस से मौजूदा विधायक लालजीत की उम्मीदवारी लगभग तय माना जा रहा है। भाजपा कांग्रेस दोनो ही दल से आरक्षण मामले पर रूठे आदिवासी समाज ने किया है चुनाव लडने की ऐलान……
आपको बता दें की छत्तीसगढ़ प्रदेश की आदिवासी आरक्षण की मुद्दे सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है क्योंकि आदिवासी समाज में मौजूदा सरकार के खिलाप कई बार धरना आंदोलन चक्का जाम किया गया है, जो आज तक आदिवासी समाज को स्थाई आरक्षण नही मिल पाई है, आदिवासी समाज की शोषण भी बढ़ते जा रही है। इन सब कई गंभीर विषय को लेकर समाज आज चुनाव में उतरने की बात कहने लगी है। वही पिछली विधानसभा उप चुनाव भानुप्रतापपुर में सर्व आदिवासी समाज की तरफ से निर्दलीय उम्मीदवार उतारा गया था जिसको लगभग 23000 हजार से ऊपर वोट मिला था, जो प्रदेश की राजनीतिक करवट को बदल सी दी थी, क्योंकि सरकार के कई मंत्री को वहा विरोध की सामना करना पड़ा था, और खुद मुख्यमंत्री को वहा कई सभाएं करनी पड़ी थी, तब जाके कांग्रेस को जीत मिली थी।।
धरमजयगढ़ विधानसभा की बात करे तो यहां राठिया समाज से ही विधायक बनते आ रहे है, पर बात ये भी है की कोई अन्य आदिवासी समाज से आज तक तीसरा लोकप्रिय चेहरा आया भी नही है। अभी भी लालजीत राठिया से हरिश्चंद्र राठिया की लड़ाई चलने वाली है।
पर अब कुछ नया समीकरण देखने को मिल सकती है??
आश्यचर्य की बात नही होगी की आदिवासी समाज से उभरते युवा नेता महेन्द्र सिदार (सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक अध्यक्ष) ने मूलभूत सुविधाओं सड़क पानी बिजली अन्य कई गंभीर समस्या को लेकर राज्य सरकार केंद्र सरकार खिलाप कई बार शोशल मीडिया से लेकर सड़क चक्का जाम कर के अपने क्षेत्र की कई गंभीर समस्या को उठाते रहते है। जिससे आदिवासी समाज के साथ साथ अन्य समाज के भी युवाओं और क्षेत्र के लोगो के लोकप्रिय चेहरा माना जाता है। क्षेत्र के कई लोगो की कहना भी है महेन्द्र सिदार में युवाओं को एकजुट और अपने मूलभूत सुविधाओं और संविधानिक अधिकार के लिए संघर्ष करने में क्षेत्र के सभी नेताओ से अलग होकर अपनी पहचान और लोकप्रियता बनाई है। महेन्द्र सिदार एक युवा चेहरा है सभी समाज के युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ है, वे कोई राजनीतिक दल के नही होने के कारण वे साफ छवि के है। महेन्द्र सिदार ने अपने आदिवासी समाज को एकजुट करने में अहम भूमिका निभा रहे है, जो की आज तक क्षेत्र में कोई आदिवासी नेताओ इस कार्य में पीछे रहे है।।
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज (रूडी जन्य परंपरा पर आधारित) की कहना है की समाज छत्तीसगढ़ में पूरी आदिवासी आरक्षित सीट और लगभग 20 से ऊपर आदिवासी बहुल विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी समाज की प्रत्याशी चुनाव लडेगी।।
धर्मजयगढ़ विधानसभा में आदिवासी समाज चुनाव लड़ कर कही इस बार खेला कर देगा…..!
जनता की मत किस तरफ करवट बदल देगी ये देखना होगा। क्योंकि आदिवासी बहुल क्षेत्र है। और हर बार विधायक राठिया ही बनते है, पर महेन्द्र सिदार की भी राठिया समुदाय में अच्छी पकड़ मानी जाती है। लगभग विधानसभा के सभी गांव में उनका परिचय है।
आदिवासी समाज से युवा जन नेता महेन्द्र सिदार की नाम तय माना जा रहा है। क्योंकि महेन्द्र सिदार को आदिवासी समाज में विधानसभा के ही नहीं, जिले के साथ प्रदेश भर मे संघर्षकारी लोक प्रिय युवा नेता के नाम से जाना जाता है।।
कांग्रेस भाजपा में इस बार खूब गुटबाजी की शुकबुहाहट देखने वा सुनने को मिल रही है, और महेन्द्र सिदार ऐसे कार्यकर्ता है जो सभी राजनेताओं से उनका व्यक्तिगत परिचय है, और वे सबकी मान सम्मान करते है, कापु क्षेत्र , घरघोड़ा क्षेत्र, बाकारूमा क्षेत्र साथ ही छाल क्षेत्र में एसटी एससी ओबीसी सभी समुदाय के युवाओं के चाहते चेहरा है।।
क्या भाजपा/कांग्रेस की फुट में आदिवासी समाज से महेन्द्र सिदार को लाभ मिलेगा ???
पर ये तो जनता तय करेगी की किसको भेजना है विधानसभा और किसे घर…।