राजनीति# खबर खुलेआम हीरालाल राठिया
जैसा कि पाठक गण भलीभांति जानते हैं कि छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला आदिवासी जिला हैं इसलिए यहां की राजनीति भी आदिवासी छत्रपो के इर्दगिर्द ही घूमती है जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे दोनों ही पार्टियों ने अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ही कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हैं इसी कड़ी में विगत सप्ताह उनका उड़ीसा से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में आगमन हुआ और पूरे जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता ने गर्म जोशी के साथ उनका स्वागत किया इसी दौरान कांग्रेस के देश एवं प्रदेश के आला नेताओ का रायगढ़ में जमवाड़ा रहा प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट सभी सीटों पर पैनी नजर जमाये हुए हैं और बारीकी से सभी बिंदुओं पर विचार कर रहे हैं जैसा कि आप सभी जान रहे हैं विगत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता गवाई है और भारतीय जनता पार्टी सत्ता पर आसीन हुई है उसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी आदिवासियों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है हर दिन आदिवासी भाइयों के पक्ष में कुछ ना कुछ बड़ा फैसला लिया जा रहा है आदिवासी नेताओं की पूंछ परख बढ़ गई है और उनको शिखर पदों पर सम्मानित किया जा रहा है छ, ग, में भारतीय जनता पार्टी आदिवासी कार्ड खेल रही है इसी संदर्भ में कांग्रेस भी कहां चुप बैठने वाली है वह भी अपने आप को आदिवासियों की सबसे बड़ी हितैसी बता रही है और उनके नेता भी अपने आदिवासी चेहरों की थाह लेने में लगे हुए हैं रायगढ़ लोकसभा में सबसे दमदार चेहरा कांग्रेस पार्टी अपने पूर्व विधायक हृदय राम राठिया को मान रही है वैसे जमीनी हकीकत जाने तो हृदय राम राठिया कोई परिचय के मोहताज नहीं है वह शुरू से ही सक्रिय आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते हैं वे एक सामान्य किसान परिवार से आते हैं उन्होंने करीब से आदिवासियों की दशा दिशा को देखा व समझा है और वह स्वयं संघर्ष करके आगे बढ़े हैं छात्र जीवन से ही वे कांग्रेस के विचारधारा से प्रभावित थे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह राजनीति के माध्यम से जन मानस की सेवा भावना से सक्रिय राजनीति में कूद पड़े उन्होंने बहुत ही कठिन परिस्थितियों में अपने आप को स्थापित किया है तेंदूपत्ता मजदूरी से लेकर तेंदूपत्ता सहकारिता के प्रदेश सदस्य तक वनाचल क्षेत्र में काम किया है लैलूंगा ब्लाक के जनपद सदस्य व जनपद अध्यक्ष पदों पर रहते हुए क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर काम करते रहे हमारा क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में अति पिछड़ा क्षेत्र था जब पूरे भारत देश में साक्षरता अभियान चलाया जा रहा था उस दौरान हृदय राम राठिया ने साक्षरता मिशन में भी काम किया तात्कालिक मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा गारंटी के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला लिया उसमें लैलूंगा ब्लॉक के लिए मात्र 6 शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश दिया था परंतु हृदय राम राठिया ने काफी मशक्कत करके तात्कालिक मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात कर उक्त पदों की संख्या 96 करवाई अंततः बाद में उनकी संख्या 116 हो गई यह वह दौर था जब लैलूंगा वनांचल क्षेत्र शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था ऐसे ही गंभीर विषयों पर हृदय राम राठीया मुखर होकर काम करते है इसी तरह उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि का इतिहास आगे बढ़ता गया और एक दिन क्षेत्र की जनता ने उन्हें अपने हक की आवाज बुलंद करने के लिए छत्तीसगढ़ के विधानसभा में विधायक बनाकर भेजा उस समय छत्तीसगढ़ में डॉक्टर रमन सिंह की सरकार थी विधानसभा की कार्रवाई के दौरान पूर्व विधायक बड़े ही बेबाक तरीके से अपने क्षेत्र की जनता के हित के लिए मुद्दों को विधानसभा में उठाकर उसकी तत्काल ध्यानाकर्षण कराते हुए निराकरण करवाने में सफल रहते थे इसलिए रमन सरकार में उन्हें उत्कृष्ट विधायक का खिताब से नवाजा गया राजनीतिक उतार-चढ़ाव में उनका सफर बदस्तूर जारी है उनकी जमीनी पकड़ की तो बात ही कुछ और है खासकर आदिवासी भाइयों के बीच में उनकी लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है बड़े पदों पर रहते हुए भी वह अपने जीवन शैली में कोई बदलाव नहीं लाये ठेठ आदिवासी शैली में ही जीना पसंद करते हैं उनकी दिनचर्या में कभी हल चलाना कभी तेंदूपत्ता के सीजन में तेंदूपत्ता तोड़ना शादी विवाह में अपने सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार नाचना गाना गाना मांदर बजाना यह उनके दिनचर्या में शामिल है कांग्रेस भला कैसे अपने ऐसे आदिवासी हीरे को भूल सकती है आज जब भारतीय जनता पार्टी आदिवासी भाइयों को खुश करने के लिए नए-नए गुलदस्ते भेंट कर रही है तो लाजमी है कि कांग्रेस भी अपने आदिवासी छत्रपो पर भरोसा जताकर उन्हें मैदान में उतरेगी इन्हीं सब करणो से हृदय राम राठिया की टिकट रायगढ़ लोकसभा से तय मानी जा रही है