डेस्क खबर खुलेआम
राजू यादव / हीरालाल राठिया
पंचायत सचिवों अपनी ठसक दिखाते हुए स्थानांतरण आदेश पर भारी पड़ रहे हैं। वहीं स्थानांतरण आदेश के बाद भी सचिव नव सचिव को प्रभार नहीं सौंप रहे हैं। यानी साफ शब्दों में कहें तो अजगर के तरह कुंडली मारकर बैठ गये हैं। हम बात कर रहे हैं, धरमजयगढ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सचिव विजय पैंकरा चरखापारा का, जिन्होंने स्थानांतरण के पांच महीने बाद भी नव पदस्थापना सचिव यानी बुधराम राठिया को प्रभार नहीं सौंप रहे हैं। वहीं मिली सुत्रोंनुसार अभी भी अधिकारियो से जुगाड़ लगाकर सचिव सहाब पंचायत में जमे हुए हैं। उधर ग्रामीणों का कहना है, कि नया सचिव आने पर नये अंदाज में पंचायत का विकास कार्य होगा, पुराने सचिव सहाब काम ही नहीं करते, पंचायत विकास कार्य ठप्प पड़ गया है। लेकिन वहीं सचिव सहाब तो स्थानांतरण आदेश के बाद भी टस से मस नहीं हो रहे। वहीं ग्राम पंचायत चरखापारा निवासी मुरली साहू ने बताया कि सचिव के कार्य प्रणाली से पुरा ग्रामवासी परेशान हैं, आगे उन्होंने कहा सचिव विजय पैंकरा चरखापारा पंचायत में विकास कार्य को लेकर कई भ्रष्टाचार किए, शायद उसी के लीपापोती में नया सचिव को प्रभार नहीं सौंप रहे हैं। क्योंकि आजकल सुबह से आकर पंचायत में हर दिन डटे हुए हैं।और नव सचिव बुधराम राठिया की बात करें,तो उनको जनपद पंचायत सीईओ द्वारा तत्काल प्रभार प्राप्त करने की सख्त हिदायत दी गई है। लेकिन बुधराम राठिया आखिरकार करे तो क्या करे,इधर जनपद पंचायत अधिकारी का दवाब तो वहीं दूसरी ओर तबादला किया गया सचिव विजय पैंकरा द्वारा प्रभार नहीं सौंप रहा, वहीं नव सचिव बुधराम राठिया के लिए बड़ी विडंबना है।लेकिन आखिरकार स्थानांतरण सूची जारी होने के बाद भी सचिवों को नवीन पदस्थापना जगह भेजा क्यों नहीं जा रहा है, आखिर किसके सह पर इतनी लापरवाही हो रही, जिससे गांव के ग्रामीण तक बोलने में मजबूर हो गए हैं। यह लोगों के समझ से परे है। वहीं शासन प्रशासन के आदेश द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार, अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने और कामकाज में पारदर्शिता और कसावट लाने के मकसद से तबादला नीति बनाई गई। इस तरह यहां स्थानांतरण सचिवों द्वारा विभाग की तबादला नीति को मुंह चिढ़ा रहा है।