
डेस्क खबर खुलेआम
नगर में भूमाफियाओं की बाढ़: नियमों की अनदेखी, प्रशासन की नाकामी….
रेरा नियमों का खुला उल्लंघन..

.छुरा:- छत्तीसगढ़ के छुरा नगर में भूमाफियाओं की गतिविधियों ने कानून और नियमों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग और कॉलोनियों का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है, लेकिन प्रशासन और निकाय के अधिकारी इन अवैध गतिविधियों को रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। उलटे, भूमाफियाओं को संरक्षण मिल रहा है, जिससे उनकी हिम्मत और बढ़ती जा रही है। छुरा में हर तरफ अवैध प्लाटिंग का काम जोरों पर है। किसानों की खेतिहर जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदकर उसे अनाप-शनाप कीमतों में बेचा जा रहा है। इन कॉलोनियों का निर्माण बिना किसी वैध नक्शे या रेरा पंजीयन के हो रहा है, जो कि स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है। *भूमाफियाओं के बढ़ते हौसले…* तहसील कार्यालय के सामने और पीछे, छुरा से हरदी मार्ग, कोसमबुडा रोड, रसेला मार्ग जैसे इलाकों में अवैध प्लाटिंग धड़ल्ले से की जा रही है। इन कार्यों में कई छोटे-बड़े स्थानीय नेता भी शामिल हैं, जो अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर भूमाफियाओं को बचाने में लगे हुए हैं। कुछ भूमाफिया तो स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए राजनीतिक दलों में शामिल हो गए हैं। *प्रशासन की नाकामी…* स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। राजस्व और निकाय के अधिकारी इन भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। कई बार महज नोटिस देकर खानापूर्ति की जाती है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। रेरा अधिनियम के तहत प्लाटिंग करने वालों को पंजीकरण कराना अनिवार्य है, लेकिन छुरा में किसी भी कॉलोनाइजर ने यह पंजीयन नहीं कराया है। *रेरा अधिनियम का खुला उल्लंघन…* रेरा अधिनियम के तहत भूमि का 62% हिस्सा ही बेचा जा सकता है और 38% हिस्सा खुला छोड़ना अनिवार्य है। इसके साथ ही, कॉलोनियों में सड़क, बिजली, पानी और पार्क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया करानी होती हैं। लेकिन छुरा में इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। *प्रशासन का दावा…..*तहसीलदार रमेश मेहता ने कहा है कि हाल ही में उनके पास इस मुद्दे की जानकारी आई है और उन्होंने अवैध प्लाटिंग के मामलों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। दूसरी ओर, छुरा नगर पंचायत के सीएमओ लाल सिंह मरकाम इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचते नजर आए।बहरहाल छुरा नगर में अवैध प्लाटिंग और भूमाफियाओं की मनमानी पर लगाम लगाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता के कारण शहर में कानून का शासन कमजोर हो रहा है। अगर प्रशासन जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाता है, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।