डेस्क खबर खुलेआम
राजू यादव कि खास रिपोर्ट
धरमजयगढ – सरकार एक तरफ हर हाथ को काम देने का वायदा कर रही है, जिस पर कहीं न कहीं प्रयास भी लगातार जारी है। वहीं दूसरी तरफ ऐसे कई जगह हैं, जहाँ काम करने वाले मज़दूरों के हाथ मेहनताना लेने को दर दर कि ठोंकरे खाने को मजबूर हैं।ऐसा ही एक ताजातरीन उदाहरण सामने आया है, धरमजयगढ़ वनमण्डल अंतर्गत धरमजयगढ़ रेंज के भण्डारीमुंड़ा और चिकटवानी से जहाँ के मेहनतकस मजदूर अपनी मजदूरी के लिए विभाग में बार-बार गुहार लगा रहे हैं। किंतु मजदूरी नही मिल पा रही है, मजदूर मेहनत कर कार्य को अंजाम दे दिया है, लेकिन अब तक उन्हें मजदूरी नही मिल सका है । जिसे लेकर आज गांव के मजदूर धरमजयगढ़ वनमंडल पहुंच गए,और 2 सालों से पेंडिंग मजदूरी को दिलाने डीएफओ साहब से गुहार लगाए।ऐसे में संबंधित मजदूरों का साफ कहना है बीट के फोरेस्टगार्ड सतकुमार चौहान द्वारा पूरी तरह से छल किया जा रहा है।
हर बार बिल वाऊचर पास नही होने का हवाला देते हुए बहाना बनाया जा रहा है। वहीं मजदुरों के बताए अनुसार भंडारीमुड़ा के नर्सरी में अपना पसीना बहाए मजदूर अपनी मजदूरी चाह रहे है। लेकिन शायद संबंधित फारेस्ट गार्ड और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी मजदूरों की पसीने की कीमत पानी की भांति समझ रहें है। तभी तो सालों से मजदूरों का बिल बाउचर पास हो नही हो रहा है। हर बार बहाना बनाकर कहीं न कहीं घुमाया जा रहा है। ऐसे में परेशान हलाकान मजदूर अब धरमजयगढ़ वनमण्डल की आस छोड़कर बिलासपुर सीसीएफ अधिकारी के पास जाने की बात भी कह रहे हैं ।हालांकि आपको बता दें कि आज इस मामले पर वनमंडलाधिकारी अभिषेक जोगावत द्वारा शिकायत पर जांच कर आगे की कार्यवाई की बात जरूर कह रहे हैं।ऐसे हालात में यहाँ अब यह कहना बिल्कुल लाजमी हो जाता है, आने वाले समय मे सालों से रुकी मजदूरों की मजदूरी मिल पाएगी या फिर समस्या जस की तस रहने वाली है। यह देखने और समझने वाली बात होगी।