37 हाथियों के दल ने औषधीय पौधों और समोच्च खंती को पहुंचाई क्षति , 130 हाथी कर रहे विचरण

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लैलूंगा से हीरालाल राठिया

खबर खुलेआम रायगढ़ धरमजयगढ़ कुड़ेकेला:-रायगढ़ जिले में हाथियों की बढ़ती संख्या के बीच फिर से एक अजीबो गरीब वाकया सामने आया है। जिसमें हाथियों के सबसे बड़े दल ने प्रभावित इलाके में वन विभाग द्वारा रोपित औषधीय व इमारती गुण वाले पौधों को नुकसान पहुंचाया है। हैरानी यह है कि हाथियों के द्वारा क्षेत्र में बने समोच्च खंती निर्माण कार्य को भी क्षति पहुंचाई गई है। यह मामला जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र का है। फिलहाल डिविजन क्षेत्र में कुल 130 हाथी अलग अलग इलाकों में विचरण कर रहे हैं।सोमवार को जारी विभागीय रिपोर्ट के अनुसार धरमजयगढ़ रेंज अंतर्गत आने वाले पंडरीपानी इलाक़े में विचरण कर रहे 37 हाथियों के बड़े समूह ने कंपार्टमेंट नंबर 415 पीएफ में पौधों सहित एस सी टी और कक्ष क्रमांक पीएफ 419 में रोपित सफेद सिरस और शीशम के पौधों को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि रिपोर्ट में क्षतिग्रस्त पौधों की कुल संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है। वहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है कि हाथियों से कंटूर ट्रेंच निर्माण कार्य को किस तरह से नुकसान पहुंचा है। वर्तमान समय में क्षेत्र अंतर्गत विचरण कर रहे हाथियों का यह सबसे बड़ा समूह है।
विदित है कि इससे पहले भी वन मंडल क्षेत्र में हाथियों से सैकड़ों विभागीय पौधों की क्षति के मामले सामने आए हैं। लेकिन इस बार पंडरीपानी इलाके में वन विभाग द्वारा निर्मित समोच्च खंती निर्माण कार्य को हाथियों द्वारा डैमेज किए जाने का प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके अलावा क्षेत्र में कुछ फसल नुकसानी के मामले भी सामने आए हैं। गौरतलब हो कि कुछ समय पहले भी क्षेत्र के मुनुंद नर्सरी में तैयार हजारों पौधों को हाथियों ने कथित तौर पर नुकसान पहुंचाया था। फिलहाल, वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत पोटिया इलाके में 17, बरतापाली जंगल में 26, पुसाऊडेरा क्षेत्र में 12, गलीमार में 7 और पुरूंगा इलाके में 17 हाथियों का बड़ा दल विचरण कर रहा है।

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