
डेस्क खबर खुलेआम
आखिर क्यों बंद चौकी कारण ?
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही :- जी हाँ थाना छत्तीसगढ़ के जीपीएम में है जहाँ क़ानून ब्यवस्था राम भरोसे चलता है । बता दे कि पुलिस चौकी,कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में पुलिस तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। यह चौकी किसी पुलिस थाने का उपकेंद्र होती है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर अपराध नियंत्रण,शिकायतों की त्वरित सुनवाई और शांति व्यवस्था बनाए रखना होता है। आमतौर पर एक पुलिस चौकी में 10 से 16 पुलिसकर्मी तैनात होते हैं, जिनमें एक उप-निरीक्षक (SI) या सहायक उप-निरीक्षक (ASI) चौकी प्रभारी होता है। इसके अतिरिक्त दो हेड कांस्टेबल और बाकी पदों पर कांस्टेबल नियुक्त किए जाते हैं। बड़ी और व्यस्त चौकियों में यह संख्या बढ़ाई भी जा सकती है,ताकि स्थानीय जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सके। चौकी में तैनात पुलिसकर्मी न केवल अपराध नियंत्रण में योगदान देते हैं,बल्कि छोटे-बड़े विवादों का समाधान करने,सूचना संकलन करने, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और आम जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। ऐसे में किसी भी क्षेत्र में पुलिस चौकी की उपस्थिति न केवल एक संरचनात्मक आवश्यकता है,बल्कि सामाजिक सुरक्षा की रीढ़ भी मानी जाती है। खोडरी पुलिस चौकी की स्थिति इस आदर्श व्यवस्था से बिल्कुल विपरीत है।

वर्तमान में खोडरी पुलिस चौकी में न तो कोई उप-निरीक्षक(SI) है और न ही कोई सहायक उप-निरीक्षक(ASI)। चौकी पर न ही कोई हेड कांस्टेबल तैनात है और न ही कांस्टेबल की उपस्थिति देखने को मिलती है। कहने को वहां एक पुलिस चौकी का बोर्ड जरूर लगा है। लेकिन वह अब केवल एक नाम मात्र की पहचान बनकर रह गई है। स्थानीय लोगों जब पुलिस चौकी शिकायत करने पहुंचते हैं तब चौकी बंद पड़ी रहती है और वहां कोई नियमित पुलिस स्टाफ मौजूद नहीं रहता। इस स्थिति में खोडरी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। किसी भी आपात स्थिति में उन्हें मुख्य थाना या दूरस्थ चौकी पर जाना पड़ता है,जिससे न केवल समय की बर्बादी होती है बल्कि कई बार तत्काल मदद न मिलने के कारण अपराधियों के हौसले भी बुलंद हो जाते हैं।

चिंता की बात यह है कि प्रशासन और पुलिस विभाग को इस बंद चौकी की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि इस दिशा में जल्द पहल नहीं की गई,तो यह क्षेत्र अपराधियों के लिए सुरक्षित अड्डा बन सकता है और आम नागरिकों का कानून व्यवस्था से विश्वास उठने लगेगा। ग्रामीणों की यह भी मांग है कि खोडरी चौकी को जल्द से जल्द पुनः सक्रिय किया जाए , पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए और साथ ही नियमित गश्त की व्यवस्था की जाए जिससे कानून व्यवस्था सुदृढ़ हो और आम जनमानस में सुरक्षा की भावना बहाल की जा सके।
यह समय है कि जिम्मेदार अधिकारी खोडरी पुलिस चौकी की उपेक्षित स्थिति पर संज्ञान लें और जल्द आवश्यक कार्यवाही करते हुए इसे फिर से कार्यशील बनाएं।