प्रधानमंत्री आवास में हो रहा जमकर बंदरबांट …

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
R.O. No. 13098/21
IMG 20210325 100804

मिलीभगत से गरीबों के हक का आवास, रसूखदारों के नाम……लगा रहे आरोप !


घरघोड़ा :- सरकार गरीबों के उत्थान को लेकर चाहे कितनी भी योजनाएं ले आए, पर जब तक इन विकासोन्मुखी योजनाओं की सरकारी अनदेखी जारी रहेगी, तब तक गरीबों के हक पर भ्रष्टाचार का डाका डलता रहेगा। हमेशा विवादों में रहने वाले घरघोड़ा नगर पंचायत के संबंध में स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पंचायत के अधिकारियों ने इतनी लूट खसोट मचा रखी है, कि हमारा हक छीनकर ऐसे लोगों को बाँट दिया जा रहा है जो हर तरह से योजना के लिए अपात्र हैं। जबकि सालों से टकटकी लगाए बैठे लाचार लोगों को कुछ भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है। 
सरकार ने इसी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी, कि 2022 तक प्रत्येक गरीब व्यक्ति के रहने के लिए एक पक्का आशियाना हो सकेगा। वहीं गरीब भी सरकार से यही उम्मीद लगाए बैठें हैं कि उन्हें भी सिर छुपाने के लिए जल्द ही एक पक्की छत जरूर नसीब होगी। लेकिन सच तो यह है कि आज भी गरीब व पात्र व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर अपनी चप्पलें घिसने को मजबूर हैं। वहीं प्रभावशाली लोगों की बल्ले-बल्ले हो रखी है। इनमें बडे-बडे आलीशान मकान, चौपहिया वाहन, लक्जरी गाडियों, दर्जनों नौकर चाकर, कई जगह पर पक्के मकान रखने वालों के साथ साथ कई बड़े जमींदार, राजनीतिक रसूखदारों के साथ बाहरी आयातित लोग भी शामिल हैं। 

सरकारी योजनाओं पर गिद्धदृष्टि रखने वाले ऐसे तमाम सुख सुविधाओं से लैस विलासितापूर्ण जिंदगी जीने वाले सामन्तवादी लोग अब प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने के लिए सरकारी रिकॉर्ड में गरीब बन बैठे हैं। जबकि असल गरीब व्यक्ति तो अब भी इन लोकलुभावन योजनाओं में महज नाम जुड़वाने के लिए धक्के ही खा रहें हैं । एक ओर जहां नगर पंचायत कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण सारी पात्रता रखने वाले गरीब लोग आवास योजना से वंचित हैं, तो वहीं दूसरी ओर रसूखदार लोग योजना का जमकर मजा लूटने में लगे हैं।

आरटीआई में मिले जवाब से इन सारी बातों से पर्दा उठने लगा है और भ्रष्टाचार की कई परतें खुलने लगी हैं। इस मामले पर नगर पंचायत घरघोड़ा में भी पूरे कागजी सबूत के साथ शिकायत की गई है, मगर अभी तक इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि नगर पंचायत के सांठगांठ से ही झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों के आवास पर आपात्रों का कब्ज़ा कराया जा रहा है। 
अब इस मुद्दे को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता जिला प्रशासन से शिकायत की जा चुकी हैं। अब आगे इसमें यह देखना लाजिमी होगा कि जिला प्रशासन भी स्थानीय प्रशासन की तरह इस प्रकरण पर आँख मूँद लेता है या अपने मातहतों की कारगुजारियों पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए पात्र गरीबों को उनका हक दिलाएगा.? 

योजना के लिए ऐसे लोग हैं पात्र

➡️ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, जिन्हें दो श्रेणियों में रखा गया हैं। 
पहला- 3 लाख रुपए वार्षिक आय तक, 
दूसरा 6 लाख रुपए वार्षिक आय तक।
➡️हितग्राही की आयु 21 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
➡️हितग्राही के परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए।

R.O. No. 13098/21
R.O. No. 13098/21
R.O. No. 13098/21

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment