दम तोड़ती गौठान का कौन जिम्मेदार , सरपंच सचिव अधिकारी
लैलूंगा से बज्रदास महंत की रिपोर्ट
लैलूंगा – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 20 जुलाई 2020 को छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों से उचित दाम पर गोबर की खरीद करना एवं उस गोबर का गौठान में वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जाना था लेकिन कई जगहों पर बने गौठान की दशा कुछ और ही स्थिति बयां करती है। लैलूंगा जनपद के ग्राम पंचायत भुइयांपानी का जहां सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना पूरी तरह से ठप्प पड़ा है गौठान पूरी तरह से बिरान पड़ा हुआ है कोई सुध लेने वाला नही गौठान में नाही वर्मीकम्पोस्ट का निर्माण हो रहा न मवेशियों के लिए चारा पानी का व्यवस्था है
गौठान के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी हालत बदतर है सरकार की योजना को यहां सिर्फ दिखावा के लिए निर्माण किया गया है ताकि कोई न कहे कि यहां गौठान कियूं नही बना भले ही इसमें गोबर खरीदी हो या न हो मवेशियों को यहां लाये जाए न लाये इससे कोई मतलव नही , बोर खनन दो बार किया गया पर पानी की व्यवस्था नही हो पाया वर्मी टांका निर्माण किया गया वह भी गुणवत्ता हीन टैंक दरकने लगा है। सरकार की इतनी महत्वपूर्ण योजना को विफल करने का जिम्मेदार कौन है क्या ऐसे जिम्मेदारी लेने वाले पर प्रशासन नजर रखने में परहेज क्यों कर रही है लाखो रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी गौठान पर मवेशियों के लिए समुचित व्यवस्था नही कर पा रहे है गौठान के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक गौठान है जिसे जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता देती है गौठान के डेव्हलपमेंट के लिए लाखो रूपए खर्च किए जा चुके है। जनपद के ऐसे कई गौठान है जहाँ मवेशियां नजर नहीं आते है
आपको बता दें की लैलूंगा जनपद के कई गौठान दम तोड़ रही या यूं कहें कि अपनी बदहाली पर आशु बहा रही हैं लेकिन जिम्मेदार मौन धारण कर लाखो रुपये का बंदरबाट करने में सन्देहास्पद भूमिका निभा रहे है सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठान का निर्माण कराया गया था लेकिन यहां तो इस योजना पर पलीता लगाने में सम्बंधित अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों ने सरकार मंसूबे पर पानी फेर दिया है। पंचायत में नाली निर्माण के नाम पर भी राशि निकाल ली गई है लेकिन कार्य नही हुआ ऐसे कई निर्माण कार्य है जिसमें सरपँच को पता नहीं रहता किस कार्य के लिये कब पैसा आहरण हुआ है ।
क्या कहना है सरपंच का
गौठान दूर है पानी नही है इसलिए अव्यवस्था है सरपंच भी जिम्मेदारी है और समूह का भी जिम्मेदारी है गांव में कार्य कराया जा रहा है नाली निर्माण के नाम पर राशि नही आहरण किया गया है हो सकता है DAC पेमेंट हो गया होगा
बालक राम भगत
सरपँच
क्या कहते है सीईओ
मेरे संज्ञान में नही आया है नाली निर्माण का मामला और गौठान 2 किलो मीटर दूर में है वहा ग्रामीण गोबर देना नही चाहते और वहां जल स्तर भी नीचे जिससे वहां केंचुआ खाद नही बन पा रहा है मैंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की है ।
वीरेंद्र राय प्रभारी
सीईओ जनपद पंचायत लैलूंगा