धरमजयगढ़। एस ई सी एल की छाल और लात कोयला खदान के विस्थापित परिवारों ने एस ई सी एल प्रबंधन को 2 मई से खदान में अनिश्चितकाल तक काम बंद करने की सूचना दी है । विस्थापितों का आरोप है कि छाल और लात खदानों के विस्थापितों को रोजगार देने के मामले में एस ई सी एल ने छत्तीसगढ़ आदर्श पुनर्वास नीति का समुचित तरीके से पालन नहीं किया गया है । जबकि इस मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय , क्षेत्रीय विधायक, जिला कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, धरमजयगढ़ द्वारा समय समय पर आदेशित / निर्देशित किया जाता रहा है । ऐसे में
विस्थापितों ने अब आगामी 2 मई से छाल कोयला खदान में अनिश्चितकाल तक काम बंद करने का निर्णय लिया है और अपने इस निर्णय से एस ई सी एल प्रबंधन को अवगत करा दिया है ।मालूम हो कि राजस्व प्रकरण क्रमांक 6/ अ -82/2003-4 आदेश दिनांक 2/6/2005 के अनुसार ग्राम लात एवं छाल के 156.886 हेक्टेयर भूमि स्वामी हक की एवं 49.50 हेक्टेयर शासकीय भूमि अधिग्रहित की गई थी ।पुनर्वास समिति की बैठक 24/10/2006 के द्वारा आबादी भूमिधारकों को रोजगार दिलाने की समुचित कार्यवाही का निर्णय लिया गया । छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति के अनुसार प्रत्येक औद्योगिक तथा खनन परियोजना के लिए भू अर्जन से प्रभावित प्रत्येक विस्थापित परिवार के एक सदस्य को उसकी अहर्ता के अनुसार रोजगार की व्यवस्था की जाएगी ।
परंतु आज 18 साल बाद भी इस नीति का समुचित तरीके से पालन नहीं किया गया है। हालांकि इस मामले में जिला प्रशासन और माननीय उच्च न्यायालय का आदेश भी विस्थापितों के पक्ष में है । स्थानीय विधायक , लालजीत सिंह राठिया ने भी इस बाबत एस ई सी एल प्रबंधन को त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है । परंतु एस ई सी एल प्रबंधन के उदासीन रवैए से अब विस्थापितों के सब्र का पैमाना छलक गया है और उन्होंने आगामी 2 मई से छाल कोयला खदान को अपनी मांग पूरी होने तक अनिश्चित काल के लिए बंद करने और भूख हड़ताल करने का निर्णय किया है ।