डेस्क खबर खुलेआम
दीपक गुप्ता की खास रिपोर्ट
पूर्व कांग्रेसी विधायकों के संरक्षण में किया बड़ा घोटाला
कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही को ज्ञापन सौंप कर संलग्नीकरण समाप्त किए जाने की मांग , कहा कर सकता है जांच को प्रभावित
गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के लगभग सभी विभागों में अधिकारियो का आतंक फैला हुआ है, आतंक इस कदर है की करोड़ो के घोटाले को खुलकर अंजाम दिया जा रहा है गौरतलब है की कुछ वर्षो पूर्व निविदा में पारदर्शिता लाने के लिए ऑफलाइन आवेदन के जगह पर अब ऑनलाइन निविदा आमंत्रित किया जाता है, परंतु हाईटेक जमाने में अब भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी भी हाईटेक तरीके से घोटाला करने में लगे हुए है, ताजा मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से निकलकर सामने आया है, जहां आदिवासी विकास विभाग में भवन मरम्मत के नाम पर करोड़ों के घोटाले के अंजाम दिया गया है, जिस संबंध में आज इस पूरे मरम्मत घोटाले के मुख्य मास्टरमाइंड पर कार्यवाही की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है, दिए गए ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है की जिले के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाला की बात उजागर हुई है जिसमें प्रभारी मंत्री गौरेला पेंड्रा मरवाही माननीय श्याम बिहारी जायसवाल जी के निर्देश पर आपके द्वारा संयुक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय दल का गठन कर जांच कराया जा रहा है। इस संबंध में अवगत हो कि एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाले का मुख्य मास्टरमाइंड कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास गौरेला पेंड्रा मरवाही में संलग्न सहायक ग्रेड 3 सचिन तिवारी है जिसकी मूल पदस्थापना हायर सेकेंडरी स्कूल बस्ती विकासखंड गौरेला है। सचिन तिवारी का का विद्यालय से सहायक आयुक्त कार्यालय में संलग्नीकरण मरवाही के पूर्व कांग्रेस विधायक डॉ के के ध्रुव एवं तानाखार के पूर्व कांग्रेसी विधायक मोहित केरकेट्टा के पत्र एवं कांग्रेसी नेता डॉक्टर चरण दास महंत के अनुशंसा पर की गई थी। सचिन तिवारी इस कार्यालय में रहते हुए ठेकेदारी का भी कार्य करता है तथा राजनीतिक रूप से संलिप्त रहता है। सहायक ग्रेड 3 सचिन तिवारी का अब तक का सेवा काल विवादास्पद रहा है। पूर्व में उसका संलग्न कारण कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही में किया गया था परंतु कलेक्टर कार्यालय की गोपनीयता भंग करने के कारण तत्कालीन कलेक्टर नम्रता गांधी द्वारा उसे कलेक्टर कार्यालय से हटाकर वापस उसके मूल पदस्थापना विद्यालय शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बस्ती विकासखंड गौरेला भेज दिया गया था जो कि राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही में संलग्नीकरण करा लिया है। आपके द्वारा गठित की गई जांच कमेटी की जांच में एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाले में चौंकाने वाले तथ्य आएंगे परंतु आशंका है कि निर्माण शाखा का प्रभारी सहायक ग्रेड 3 सचिन तिवारी जांच को प्रभावित करने के लिए दस्तावेजों में हेरा फेरी कर सकता है और एक नए विवाद को जन्म दे सकता है। इस संबंध में आपको अवगत कराते हुए अनुरोध है कि एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाले की जांच की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सहायक ग्रेड 3 सचिन तिवारी को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय से संलग्नीकरण समाप्त कर उसे उसके मूल विद्यालय शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बस्ती विकासखंड गौरेला में वापस भेज दिया जाए ताकि जांच की गोपनीयता एवं निष्पक्षता बनी रही, उक्त पूरे मामले में मुख्यंमंत्री को पत्र प्रेषित कर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है,