फॉरेस्ट एसडीओ को डिमोशन कर बनाया रेंजर

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डेस्क खबर खुलेआम

रोजगार गारंटी योजना के कार्यों में वित्तीय अनियमितता एवं कदाचार के आरोप में वन विभाग ने गौरेला वनमण्डल के तत्कालीन एसडीओ केपी डिंडौरे को डिमोसन कर रेंजर बना दिया है। उन्हें रेंजरो के सबसे जूनियर स्केल का वेतन दिया जायेगा। केपी डिंडौरें वर्तमान में रायगढ़ के घरघोड़ा में एसडीओ के पद पर पदस्थ हैं। फॉरेस्ट विभाग के एसडीओ को डिमोशन कर रेंजर बना दिया गया है।

बता दे की रोजगार गारंटी योजना के कार्यों में वित्तीय अनियमितता एवं कदाचार के चलते उन पर यह कार्यवाही की गई है। डिमोशन के अलावा वेतनमान भी रेंजरों के सबसे जूनियर स्केल का दिया जाएगा।केपी डिंडोरे सहायक वन संरक्षक के पद पर पदस्थ थे। वे गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में उप वन मंडलाधिकारी के पद पर पूर्व में पदस्थ थे। इस दौरान 25 सितंबर 2019 से 1 अप्रैल 2022 तक की अवधि में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत करवाए गए कार्यों में की गई वित्तीय अनियमितता और गंभीर कदाचारों के कारण उनके विरुद्ध 12 अगस्त 2022 को विभागीय आरोप पत्र जारी किया गया था। जिसका उत्तर उनके द्वारा 6 सितंबर 2022 को दिया गया। उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होते हुए उनके विरुद्ध 3 जनवरी 2023 को विभागीय जांच बैठाई गई। मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त के द्वारा 22 अगस्त 2023 को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में डिंडोरे के विरुद्ध अधिरोपित दोनों ही आरोप सिद्ध पाए गए। उन पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के द्वारा 18 फरवरी 2024 को अनुशासनात्मक कार्यवाही के अनुशंसा की गई।केपी डिंडोरे के विरुद्ध दोनों आरोप सिद्ध पाए जाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 10 (5) के अंतर्गत मुख्य स्वास्थ्य अधिरोपित किए जाने के दिनांक 13 मई 2024 को अंतरिम प्रशासकीय निर्णय लिया गया। इसके पश्चात विभागीय जांच में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के तहत प्रकरण में 22 जुलाई 2024 को व्यक्तिगत सुनवाई की गई। सुनवाई में केपी डिंडौरे के द्वारा मौखिक कथन दिया गया। जिसमें उन्होंने 24 नवंबर 2023 को दिए गए प्रतिवेदन को ही मान्य किए जाने का अनुरोध किया गया। सुनवाई के दौरान डिंडौरे ने अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में कोई नवीनतम तथ्य व ठोस आधार प्रस्तुत नहीं किया गया।केपी डिंडौरे सहायक वन संरक्षक के विरुद्ध उनका जवाब समाधान कारक नहीं पाए जाने पर मुख्य शास्ति अधिरोपित करते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 10 (5) के तहत पदावनत करते हुए वेतन के निम्नतम प्रक्रम में किए जाने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया। उक्त निर्णय पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के द्वारा भी 18 जनवरी 2024 को सहमति दी गई है।

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