जहाँ प्रशासन एक तरफ शासकीय भूमियों पर अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए तरह- तरह के प्रयोग करता रहता है। तो दूसरी तरफ कुछ लालची किस्म के राजस्व कर्मचारी महज कुछ पैसों की लालच में आकर खुद शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण को बढ़ावा देने के अलावा भूमि रिकार्ड में हेरा-फेरी करने से नही चूकते है
ताज़ा मामला शहर के वार्ड क्रमांक 33 से जुड़ा हुआ है। यहां काशीराम चौक पर nh 49 के किनारे स्थित एक बेशकीमती शासकीय भूमि जिसका खसरा क्रमांक 156 रकबा 6000 वर्गफुट है। इसे लेकर यह बताया जा रहा है,कि उक्त शासकीय भूमि पर शहर के 5/7 रसूखदारों ने अवैध अतिक्रमण कर लिया है। जबकि यह भूमि वार्ड क्रमांक 33,34 और 35 के वार्ड वासियों के लिए शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण हेतु सुरक्षित रखी गई थी। इस भूमि पर बीते दिनों अस्पताल भवन बनाने की सहमति और प्रस्ताव दोनों नगर सरकार ने दे दिया था।
इसके बाद भूमि पूजन के पूर्व दस्तावेजी प्रक्रियों के दौरान वार्ड क्रमांक 33 की महिला पार्षद और पूर्व पार्षद को पता चला कि इस बेशकीमती भूमि को तत्कालीन आर आई और पटवारी के द्वारा रिकार्ड में हेर-फेर कर शहर के 5 / 7 रशुखदारों के नाम चढ़ा दिया गया है,और भूमि को अलग-अलग भुखंडों में बांटते हुए सबका अलग-अलग नक्शा काट दिया गया है।
इस बात की जानकारी मिलते ही वार्डवासियों ने अपने पार्षद की सहायता से भूमि से जुड़े सभी दस्तावेजों की छाया प्रति प्राप्त की। जिंसमे यह स्पष्ट हो गया कि जिन रशुकदारो के नाम शासकीय भूमि को चढ़ाया गया है वस्तुतः उनकी भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग 49 के निर्माण हेतु अधिग्रहीत कर ली गई थी। परन्तु क्षेत्र में भूमि की कीमत काफी अधिक होने की वजह से शासकीय रिकॉर्ड में घास भूमि के नाम पर दर्ज इस सरकारी भूमि को तब के लालची व बेईमान आर आई और हल्का पटवारी ने रिकार्ड में हेराफेरी करते हुए रशुखदारों के नाम पर चढ़ा दिया। अब इन तीन वार्डों में रहने वाले हजारों आम नागरिकों के लिए बनाए जाने वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अधर में लटक गया है।
मामले की गम्भीरता को समझते हुए वार्ड क्रमांक 33 की महिला पार्षद श्रीमती नीलम रंजू सजंय और पूर्व पार्षद रामकृष्ण खटर्जी दर्जनो वार्ड वासियों के साथ मय दस्तावेजी प्रमाण और आवेदन के साथ जिला कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हुए। यहां उनके द्वारा कलेक्टर से यह मांग की गई कि जिस सरकारी जमीन को तत्कालीन राजस्व कर्मचारियों ने सरकारी रिकार्ड में नगर सेठों के नाम बेईमानी से चढ़ा दिया है उसकी जांच करते हुए अविलंब भूमि को अतिक्रमण मुक्त करें। ताकि तीनो वार्डवासियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए बनने वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस प्रस्तावित भूमि पर बनाया जा सके।
कलेक्टर के पास मामले की लिखित शिकायत लेकर आये वार्ड वासियों ने यह मांग भी की है कि इस तरह शासन को धोखा देने की नीयत से बेईमानी पूर्वक जिन राजश्व कर्मचारियाँ ने सरकारी घास भूमि को व्यक्तिगत लोगों के नाम और चढ़ाने का काम किया है उन्हें जांच उपरांत उचित दण्ड भी दिया जाए। वार्ड के एक जागरूक नागरिक ने यह बताया कि जिस सरकारी भूखंड को रशुखदारो के नाम चढ़ाया गया है उसका बाजार भाव 1400 से 1500 रु प्रति वर्गफुट है।