
खबर खुलेआम
संलग्नकर्ता – धरमजयगढ़ से राजू यादव
धरमजयगढ़। जिस पुलिसकर्मी पर कानून व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व होता है, वही जब खुद कानून को ठेंगा दिखाए, तो समाज का विश्वास डगमगाना स्वाभाविक है। ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़-कापू मुख्य मार्ग पर स्थित मिरिगुड़ा मोड़ के समीप सामने आया, जहां एक एएसआई ने नशे की हालत में वाहन को इस तरह दौड़ाया मानो सड़क नहीं रनवे हो और कार कोई हवाई जहाज।
बता दें,प्राप्त जानकारी के अनुसार, एएसआई अमृत मिंज, जो कि वर्तमान में विभागीय निलंबन का सामना कर रहे हैं, नशे की हालत में ब्रेजा कार (क्रमांक CG13 AY 0205) को लापरवाही से चला रहे थे। जैसे ही वाहन मिरिगुड़ा नदी के पास तीव्र मोड़ पर पहुँचा, नियंत्रण खो बैठा और कार पलट गई। गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई, परंतु सौभाग्य से निलंबित एएसआई को कोई गंभीर चोट नहीं आई। यह ईश्वर की कृपा ही मानी जाएगी कि हादसा और विकराल रूप नहीं ले पाया। और वहीं स्थानीय ग्रामीण और राहगीर दुर्घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे। जब उन्होंने वाहन चालक की स्थिति देखी तो चौंक गए—साहब के मुख से शराब की तीखी गंध, लड़खड़ाते कदम और जुबान से बहकते बोल इस ओर इशारा कर रहे थे कि वे नशे में चूर थे। जब लोगों ने पहचान की तो पता चला कि वह एक पुलिस अधिकारी हैं। यह दृश्य हर किसी को हैरान कर गया। और वहीं घटनास्थल पर मौजूद लोगों में यह चर्चा तेजी से फैल गई कि क्या ऐसे लोगों के हाथों में कानून सुरक्षित रह सकता है? समाज में कानून के रक्षक जब भक्षक बनने लगे, तो व्यवस्था पर से भरोसा उठना स्वाभाविक है।
पुरे मामले में जब मीडिया द्वारा सवाल पूछा गया तो एएसआई अमृत मिंज ने लड़खड़ाते शब्दों में कहा कि उन्होंने नशा नहीं किया है और यह महज एक दुर्घटनावश घटना है। उन्होंने यह भी बताया कि वे पिछले तीन महीने से विभागीय निलंबन में हैं।
बता दें, यह घटना न केवल एक पुलिस कर्मी की व्यक्तिगत असावधानी का नमूना है, बल्कि पूरे पुलिस विभाग की छवि पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। स्थानीय जनमानस में इस घटना को लेकर तीव्र असंतोष है।