डेस्क खबर खुलेआम
आशीष यादव रायगढ़ कि खास रिपोर्ट
सरपंच व सचिव पंचायती राज अधिनियम की उड़ा रहे खुलकर धज्जियां
पंचायती राज एक अहम व्यवस्था है। पंचायतों से ही गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार होती है। गावों में विकास कार्य करवाने में पंचायतें ही अहम भागीदारी निभाती हैं। यह सही है कि पंचायतों की ओर से करवाए जा रहे कार्यो से गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन एक ओर जहां विकास कार्य हो रहे हैं। वहीं, प्रतिनिधियों की ओर से कई प्रकार के घोटाले भी समय-समय पर उजागर होते रहते हैं। ऐसे में पंचायतों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी हैं?रायगढ़ जिले खरसिया ब्लॉक के महिला सरपंच और सचिव ने अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए विकास कार्यों की राशि अपने ही रिश्तेदारों को फर्जी वेंडर बनाकर यह भ्रष्टाचार 15वें वित्त आयोग की राशि से आहरण किया गया है। दरअसल, यह मामला जनपद पंचायत खरसिया के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बिंजकोट का है। ग्राम पंचायत बिंजकोट सरपंच गीता राठिया व सचिव रोहित पटेल ने अपने ससुर फागुराम को फर्जी वेंडर बना कर ग्राम पंचायत के 15 वित्त की 3,50,000 की राशि का आराह्न कर ग्राम के विकास को अवरूद्ध किया है और सीधे सीधे ग्राम वासियों भरोसे विश्वास के साथ छल किया है । जिसे जनता ने अपने ग्राम विकास के लिए अपना प्रतिनिधि बनाया उसीने उनके पीठ पर विश्वशघात का खंजर खोप कर लहूलुहान कर अपना विकास किया। यहा सरपंच और सचिव ने पंचायती राज का खुल कर मजाक किया है और बनाया है और उनके इस भ्रष्टाचार में सरकारी तंत्र के लोगो ने भी खुल कर साथ दिया है उनकी की भी कहानी लंबी है । क्यों आज भी ग्राम पंचायत विकास से कोसों दूर है। और भ्रष्टाचार किस चरम पर जनपद पंचायत खरसिया में जानेंगे अगले अंक में ।