

डेस्क खबर खुलेआम
पत्थलगांव। नगर पालिका क्षेत्र में हाल ही में करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई सीसी सड़कों की गुणवत्ता पर अब गंभीर सवाल उठने लगे हैं। निर्माण के महज तीन महीने के भीतर ही सड़कें जगह-जगह से उखड़ने लगी हैं। गिट्टी और छर्रे सड़क की सतह से निकलने लगे हैं, जिससे लोगों में नाराजगी और आक्रोश बढ़ गया है।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह निर्माण कार्य पूरी तरह लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है। जांच में सामने आया है कि निर्माण के दौरान न तो तकनीकी मानकों का पालन किया गया और न ही इंजीनियरिंग प्रक्रिया का ध्यान रखा गया। सबसे बड़ी चूक यह रही कि सीसी सड़क निर्माण में कटिंग (जॉइंट्स) नहीं किए गए, जबकि यह एक अनिवार्य तकनीकी प्रक्रिया है।

नगर पालिका की इंजीनियर ओदा प्रफुल्ला टोप्पो ने स्वयं स्वीकार किया कि सड़कों में कटिंग नहीं की गई क्योंकि इस्टीमेट में कटिंग का आइटम शामिल ही नहीं था, इसलिए ठेकेदार ने भी कटिंग नहीं की। यह बयान अपने आप में कई सवाल खड़े करता है— आखिर इतनी बड़ी तकनीकी गलती इस्टीमेट बनाते समय कैसे हो गई? क्या यह ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की मंशा से किया गया निर्णय था या फिर सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है?विशेषज्ञों का कहना है कि यह जवाब खुद इस बात की पुष्टि करता है कि निर्माण कार्य I
RC 15 और MoRTH Section 602 जैसे राष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करते हुए किया गया है। इन मानकों के अनुसार, कंक्रीट सड़क में एक्सपेंशन/कॉन्ट्रैक्शन जॉइंट्स देना अनिवार्य होता है, अन्यथा सड़क कुछ ही महीनों में फटने और उखड़ने लगती है।स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि निर्माण कार्य की स्वतंत्र तकनीकी जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि सरकारी धन की बर्बादी और जनता की परेशानी दोनों से बचा जा सके।












