


Desk khabar khuleaam ( ajeet gupta ) पत्थलगांव का अपेक्स बैंक किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है किसान अपनी ही साल भर की कड़ी मेहनत की कमाई धान फसल की राशि पैसा निकालने एवं अपने ही खाते में जमा राशि को आहरण करने में उन्हें भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है किसानो को सुबह 7 बजे से 5 शाम तक अपनी बारी का इंतजार करते रहना पड़ता है आपको बता दें कि एक ओर जहां छत्तीसगढ़ कि भाजपा सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने और पीएम मोदी सरकार सशक्त बनाने के लिए अनेकों प्रकार की योजनाएं लागू की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर किसानों द्वारा अपने धान को सहकारी समिति पर बेचे जाने के बाद राशि को प्राप्त करने अपेक्स बैंक बार-बार चक्कर लगाने में किसान मजबूर है जहां किसानों का फरियाद सुनने वाला कोई नही है ।



किसान बैंक की सीढ़ियों एवं जमीन में बैठने को मजबूर
ग्रामीण किसानों को सुबह से भूखे प्यासे लाइन लगाकर पैसों को निकालने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। आलम यह है की बैठने की भरपूर व्यवस्था न होने से किसान,महिला,विकलांग जमीनों में बैठकर अपने नंबर आने का बाट जोह रहे हैं और किसान भी पैसा आहरण करने में पसीने छूट रहे हैं। उक्त बैंक में हजारों की संख्या में किसान अपने पैसों को आहरण करने आते है वहीं ऐसा कई बार होता है कि कई किसान अपने पैसों को आहरण ना कर पाने पर बैरंग वापस लौट जाते हैं । किसानो की सुविधा के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसे लेकर किसान भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हद तो तब हो गई जब तिलडेगा के किसान छत्रमोहन यादव को पैसे की अत्यंत आवश्यकता थी और बैंक में भीड़ होने की वजह से उसने किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अतुल त्रिपाठी से पैसे निकलवाने की बात कही तो जैसे ही फार्म भरकर प्रबंधक के पास पहुंचे तो प्रबंधक ने धमकी भरे लहजे में किसान को कहा कि सोर्स लगवाते हो जाओ पैसा नही देंगे जबकि किसान ने उनसे कहा भी की पैसे की बहुत जरूरत है पैसा हमारे मेहनत का है इसलिए वो आए हैं लेकिन प्रबंधक ने उसकी परेशानी न सुनकर अभद्रता की इस वाक्ये की किसान नेता अतुल त्रिपाठी ने निंदा की है श्री त्रिपाठी ने कहा कि यहां के कामकाज से किसान भाई परेशान हैं बैंक में काम कम और समस्या ज्यादा है जबकि इसकी जानकारी अधिकारियों को दी जा चुकी है उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बैंक प्रबंधन अपना रवैया सुधार ले नही तो किसानों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा ।।जब से खुला बैंक तब से बना एटीएम शो पीस–
बैंक द्वारा अधिकांश किसानों के एटीएम प्रोवाइड नही कराया गया है और चेक बुक भी जारी नहीं किया गया है। जिससे किसानों को अर्जेंट पैसे निकालने एवं लेनदेन करने में भारी मशक्कत करना पड़ रहा है अगर एटीएम रहता तो बहुत सी समस्या दूर हो सकती थी ।मगर बैंक द्वारा अधिकांश किसानों को एटीएम कार्ड भी मुहैया नहीं करवाया गया है और एटीएम जारी भी किया जाता है तो उसका पिन कोड बनाने के लिए भी पत्थलगांव में व्यवस्था नही है जिसके लिए अन्यत्र लैलूंगा आदि जगहों पर जाना पड़ता है । किसानों का कहना है की छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा धान और बोनस का राशि अपेक्स बैंक पर ही जारी की जाती है पत्थलगांव अपेक्स बैंक में समिति की संख्या घटने के बाद भी यहां किसान अपने ही पैसे के लिए परेशान होते हैं क्योंकि मौजूदा प्रबंधक अपने प्रबंधन में नाकाम है ।किसानों ने बताया अधिकांश जो परेशानी हो रही है उसकी वजह यहां जो बैठे कुछ कर्मचारी अपने आप को अधिकारी से कम नहीं समझते हैं और किसानों से सीधे मुंह बात नहीं करते कर्मचारियों की मनमानी एवं अडियल रवैये से किसान परेशान हो रहे हैं । आज से 2 साल पहले जो कर्मचारी यहां थे उनके द्वारा अच्छा प्रबंधन किया जाता था लेकिन कुछ को छोड़कर आज के कर्मचारी प्रबंधक के इशारे पर चलते हैं ।


किसानों ने बताया आज कई महीने से ऊपर हो गया स्थिति जस की तस बनी हुई है किसानों को अपनी बारी का इंतजार करते शाम हो जाता है और यदि थोड़ा लेट पहुंचे तो फिर दूसरे दिन कतार में खड़े होना पड़ता है एक ही काम के लिए तीन-चार दिन का चक्कर लगाना पड़ता है खाता ट्रांसफर नेफ्ट या आर टी जी एस करने पर कई दिन लग जाते हैं और यहां तक कि किसान का भरा फार्म बैंक में दिया हुआ गुम तक हो जाता है । सूत्रों ने यह भी बताया कि बैंक मैनेजर अपने चहेते एवं सामाजिक लोगों को अपने चेंबर पर बैठाकर बाकायदा चाय पिलाकर वहां पर ही भुगतान कराता है जबकि बेचारे दूर से आए किसान सुबह 7 बजे से लाइन में लग जाते हैं जो अपनी बारी का इंतजार करते हैं । सूत्रों से पता चला है कि बैंक मैनेजर दीपक कुजूर खुद के चेहेते लोगों को दैनिक कर्मचारी की पद पर नियुक्ति कराया है जिससे भी लोगों में इस बात की चर्चा है ।प्रबंधक रहता है नदारद — वहीं देखा जाए तो अकसर बैंक मैनेजर कुजूर बैंक समय पर नदारत रहता है सिर्फ कभी कभी बैंक में घूमने आते हैं और काम पर तब ही देखा जाता है जब उनके नीचे का अधिकारी छुट्टी पर हो तब मजबूरन बैंक में बैठना पड़ता है जो स्तिथि वर्तमान में चल रही है ।।क्या कहते हैं अधिकारी — इस मामले में जब हमने पत्थलगांव एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बताया कि पूरी बात जिला नोडल अधिकारी को पहुंचा दी गई है वहां से कार्यवाही की जाएगी ।।

