
डेस्क खबर खुलेआम
गणेश भोय तमता
जशपुर पत्थलगांव जिले में इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों ने मिलकर चार दिनों से पड़ी लावारिस लाश का अंतिम संस्कार किया। बताया जा रहा है कि बीते चार दिन पूर्व एक लावारिस शव बरामद हुआ था, जिसकी पहचान नहीं हो सकी। लाश की पहचान के लिए पुलिस प्रशासन लगातार प्रयास करता रहा, लेकिन जब किसी परिजन या रिश्तेदार का सुराग नहीं मिला तो प्रशासन ने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की।अंतिम संस्कार की इस प्रक्रिया में ग्राम पंचायत महेशपुर के सरपंच प्रतिनिधि केदार नाग, अर्जुन यादव, पवन पैंकरा और इलियास बेक सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। प्रशासन और ग्रामीणों की मौजूदगी में लावारिस शव को सम्मानपूर्वक कफन-दफन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने कहा कि इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं है और हर लाश का सम्मानजनक अंतिम संस्कार होना चाहिए।ग्रामीणों ने भी प्रशासन के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य समाज के लिए एक संदेश है कि लावारिस शव को भी अपमानित अवस्था में नहीं छोड़ा जाना चाहिए। वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लाश की पहचान के लिए आसपास के इलाकों में सूचना भेजी गई थी, लेकिन कोई दावा करने नहीं आया। ऐसे में सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए कफन-दफन की व्यवस्था की गई।इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जशपुर की धरती न केवल अपनी परंपराओं और संस्कृति के लिए जानी जाती है बल्कि यहां के लोग इंसानियत और सामाजिक दायित्वों को भी सर्वोपरि मानते हैं। ग्रामीणों और प्रशासन की सहभागिता ने समाज में यह संदेश दिया कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, मानवता का कर्तव्य निभाना ही सबसे बड़ा धर्म है।यह खबर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग इसे इंसानियत की मिसाल के रूप में देख रहे हैं।
