



डेस्क खबर खुलेआम
गणेश भोय पत्थलगॉव
दिनांक 10.10.25 को थाना नारायणपुर क्षेत्रांतर्गत 36 वर्षीय पीड़ित प्रार्थिया ने चौकी सोनक्यारी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी शादी थाना नारायणपुर क्षेत्रांतर्गत एक गांव में हुई थी, उसके पति की मृत्यु हो गई है व उसके दो बच्चे भी हैं , उसका मायका चौकी सोन क्यारी क्षेत्रांतर्गत एक ग्राम में है। दिनांक 09.10.25 को प्रार्थिया वह अपने कुछ काम से , पैदल जंगल के रास्ते होते हुए अपने ससुराल से, चौकी सोन क्यारी क्षेत्रांतर्गत अपने मायके आ रही थी, इसी दौरान रास्ते में आरोपी निलेश राम भगत , अचानक पीछे से प्रार्थिया के बाल को खींचकर, उसे पटक दिया तथा घसीटकर झाड़ी में ले गया, व जबरन पीड़ित प्रार्थिया के कपड़े को खींचकर फेंक दिया व प्रार्थिया के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के चिल्लाने पर, आरोपी के द्वारा, पास में पड़े, पत्थर को उठाकर, मारने की कोशिश कर रहा था, इसी दौरान पीड़ित प्रार्थिया के आवाज को सुनकर , गांव की एक लड़की आई, जिसे देखकर आरोपी निलेश राम भगत, भाग गया। गांव की लड़की के द्वारा ही पीड़ित प्रार्थिया को कपड़ा पहनाया गया, व प्रार्थिया के मायका के घर में, छोड़ा गया। ➡️ पीड़ित प्रार्थिया की रिपोर्ट पर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल चौकी सोनक्यारी में आरोपी निलेश राम भगत उम्र 22 वर्ष के विरुद्ध दुष्कर्म के लिए बी एन एस की धारा 64 (1) व 115(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच विवेचना में लिया गया व पीड़ित प्रार्थिया का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया। ➡️ पुलिस के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी निलेश राम भगत को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस की पूछताछ पर आरोपी निलेश राम भगत के द्वारा अपराध स्वीकार करने व प्रयाप्त अपराध सबूत पाए जाने पर विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।➡️ उक्त कार्यवाही व आरोपी की गिरफ्तारी में चौकी प्रभारी सोनक्यारी, सहायक उप निरीक्षक वैभव सिंह, आरक्षक विमल मिंज, व नगर सैनिक शिव शंकर रवि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।*➡️ मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने बताया कि जशपुर पुलिस महिलाओं से संबंधित अपराध को लेकर अत्यंत संवेदनशील है, चौकी सोन क्यारी क्षेत्रांतर्गत एक दुष्कर्म के मामले में, पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा है। महिलाओं से संबंधित अपराध में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।*


