डेस्क खबर खुलेआम
आचार संहिता हटने के बाद बुधवार को साय सरकार की पहली कैबिनेट आयोजित की है। इसके अनुसार छत्तीसगढ़ में अब विदेशी शराब राज्य सरकार खुद खरीदेगी। इसकी खरीदी की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन को दी गई है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग में गेस्ट लेक्चरर नीति-2024 को मंजूरी मिल गई है। बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य पांचों प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली को प्रभावी एवं सशक्त बनाने के साथ ही उन क्षेत्रों में जनसुविधा के कामों को गति प्रदान करना है। इन पांचों प्राधिकरणों की कमान अब सीधे मुख्यमंत्री के जिम्मे होगी। इसके लिए स्थानीय विधायकों में से एक विधायक को इसका उपाध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा। क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अथवा सचिव इन पांचों प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे। दरअसल, 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था। इसके बाद साल 2012 में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया। इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हुआ करते थे।प्राधिकरणों के गठन के पश्चात् अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरा-टोला, पारा-मोहल्लों, वार्डों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं के अनेक महत्वपूर्ण कार्य कराए गए थे। वर्ष 2019 में तत्कालीन सरकार द्वारा इन प्राधिकरणों के कार्य संचालन की प्रक्रिया में अमूल-चूल परिवर्तन कर दिया गया, जिसके चलते प्राधिकरणों का न सिर्फ महत्व कम हो गया, बल्कि इनके कार्यों में पारदर्शिता मॉनिटरिंग का अभाव होने के साथ ही शासन स्तर पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं रहा। उक्त स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कैबिनेट ने पांचों प्राधिकरणों के पुनर्गठन एवं निधि नियम के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। कैबिनेट में ये फैसले भी लिए गए-उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याता नीति-2024 का अनुमोदन किया गया।-सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण के लिएम पर चना खरीदने के संबंध में कैबिनेट में निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र एवं मॉडा क्षेत्र में अन्त्योदय और प्राथमिकता वाले परिवारों को चना वितरण के लिए भारत सरकार की ओर से निर्धारित निर्गम मूल्य (issue price) और नागरिक आपूर्ति निगम को प्राप्त रॉ चना की मिलिंग और परिवहन दर को जोड़कर प्राप्त कुल दर पर चना खरीदा जाएगा।-मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 14 हजार 369 व्यक्तियों और संस्थाओं को 19 करोड़ 37 लाख 93 हजार रुपए की स्वीकृत राशि का कार्योत्तर अनुमोदन मंत्रिपरिषद की ओर से प्रदान किया गया।-कैबिनेट द्वारा विदेशी मदिरा के थोक विक्रय और भंडारण के लिए वर्तमान में प्रचलित एफएल 10 एबी अनुज्ञप्प्ति की व्यवस्था को समाप्त करते हुए सीधे विनिर्माता इकाइयों से विदेशी मदिरा का थोक क्रय को अप्रूवल दिया गया।-विदेशी मदिरा का क्रय इससे पहले लाइसेंसियों की ओर से किया जाता था। सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त करने के साथ ही विदेशी मदिरा क्रय करने की जिम्मेदारी अब छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन को दे दी है।