सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर महिलाओं का हल्लाबोल
पीएम आवास की जमीन पर दलालों की बुरी नजर

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पत्थलगांव – जशपुर के कुनकुरी नगर पंचायत में सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर महिलाओं ने हंगामा खड़ा कर दिया है। मोहल्ले की सारी महिलाएं कब्जा होते सरकारी जमीन के पास पहुंच गई है और कब्जा रोकवाने की मांग कर रही है। हंगामा कर रही महिलाओं ने बताया कि जिस जमीन पर सुबह जेसीबी चलाकर जमीन की समतलीकरण करके प्लॉट काटकर बेचने की कोशिश की जा रही है वह जमीन शासकीय होने के साथ -साथ छोटे बड़े झाड़ का जंगल इलाका है लेकिन कुछ दिन पहले उस जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई और जमीन मालिक के द्वारा अपनी जमीन के साथ बगल की सरकारी जमीन पर जेसीबी मशीन चलाकर जमीन को समतल किया जा रहा है।छोटे-बड़े झाड़ के जंगल की जमीन पर अभिलेखों में हेरफेर कर मद परिवर्तन होता रहा और उनकी रजिस्ट्री भी होती रही। तब राजस्व विभाग के अफसर सरकारी जमीन लुटते देखते रहे। राजस्व विभाग में नियम विरूद्ध हुए जमीन के मद परिवर्तन को रोकने का साहस भी किसी अफसर ने नहीं दिखाया। यह पूरा मामला कुनकुरी के वार्ड नम्बर 11 का है ।जनपद पंचायत के पीछे में बसा यह इलाका अब घनी बस्ती में तब्दील होता जा रहा हुआ है।इन महिलाओं का आरोप है कि इसी सरकारी जमीन पर पीएम आवास बनाने के लिए वे कई सालों से पट्टे की अर्जी उन्होंने लगाई है लेकिन कुनकुरी राजस्व विभाग के द्वारा उन्हें अब तक यह बोलकर पट्टा जारी नहीं किया गया क्योंकि यह जमीन सरकारी है और छोटे बड़े झाड़ के जंगल का इलाका है ।कुछ लोगों के नाम पर इसी जमीन का पट्टा मिलीभगत करके जारी भी कर दिया गया लेकिन बाद में शिकायत होने पर उनके पट्टे को जंगल क्षेत्र बताकर निरस्त कर दिया गया।महिलाओ का आरोप है कि बस्ती के कई लोगो के नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हो गया लेकिन जमीन आवंटित नहीं होने के कारण उन्हें पी एम आवास का लाभ नहीं मिल रहा है लेकिन अब अचानक उन्हें पता चल रहा है कि उसी जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई है और इस जमीन पर प्लॉट काटकर बेचने का काम भी शुरू कर दिया गया ।90 डिसमिल पट्टे की शेष सरकारी जमीन वार्ड नंबर 11 पार्षद राजेश ताम्रकार का बताते है कि बस्ती के लोग कई सालों से इस जमीन पर प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए शासन से पट्टे की मांग करती आ रही है

लेकिन मुझे भी यही बताया गया कि यह जमीन छोटे- बड़े झाड़ का जंगल का इलाका है इसलिए किसी को यह जमीन आवंटित नहीं की जा सकती फिर अचानक इस जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो जाती है।कुनकुरी के आर आई सुखरा ने बताया कि मुहल्लेवासियों की शिकायत पर शुक्रवार को तहसीलदार ,पटवारी और मैं मौके पर गया था और जमीन मालिक को सरकारी जमीन पर जेसीबी चलाने से मना किया गया है। आर आई ने बताया कि वहां 90 डिसमिल जमीन निजी पट्टे की है बाकी जमीन सरकारी है। बड़े झाड़ के जंगल को भूमाफिया ने बेचा कुनकुरी के आदर्श नगर में खसरा नंबर 478 और अन्य भूमि जिसका रकबा 2 एकड़ से अधिक बड़े झाड़ की जंगल भूमि को बेच दी गई। जो बेशकीमती जमीन शासन के मद में रहते हुए जरूरी शासकीय कार्यों में उपयोग ली जा सकती थी, उसे मिलीभगत कर बेच दी गई। इतना ही नहीं बल्कि बिक्री नकल प्रदान करते समय विभाग के प्रभारी से मुहर व नंबर लेकर सत्यापन तक नहीं कराया गया और सीधे तौर पर तहसीलदार व नायब तहसीलदार से बिक्री नकल लेकर जमीन बेच दी गई।मिशल खसरा पांचसाला रिकार्ड 1972-73 के अनुरूप शासकीय जमीन बजाज के नाम पर आवंटित की गई थी।जो कि नियमानुसार विक्रय नहीं हो सकती थी, बावजूद इसे दर्जनों भाग में बटांकन करके रजिस्ट्री की गई।जिससे कयास लगाया जा रहा है कि भू माफिया को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शासकीय आवंटित बड़े झाड़ के जंगल की भूमि की खरीदी बिक्री की गई।वर्जन -पंजीयन के दौरान यह पता नहीं चलता कि जमीन कहां की है और उसका मद क्या है। पंजीयन के दौरान प्रस्तुत होने वाले राजस्व दस्तावेजों के आधार पर ही पंजीयन होता है। यह सही है कि यदि दस्तावेजों में छोटे बड़े झाड़ का जंगल का उल्लेख है तो उसकी रजिस्ट्री नहीं होगी।”विलियम एक्का उप पंजीयक जशपुर वर्जन -वार्ड नंबर 11 में जमीन विवाद को लेकर महिलाओ ने हंगामा किया था जिसके बाद आर आई और पटवारी को मौके पर भेजकर मामले की जाँच करवाया गया है। मौके पर पट्टे और सरकारी जमीन दोनों है पट्टेदार को सरकारी जमीन पर हस्तक्षेप से मना किया गया है। बड़े झाड़ के जंगल को बेचने के विषय में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा मामला है तो जाँच कराकर मामले में कार्यवाही होगी। अजय किशोर लकड़ा एसडीएम कुनकुरी !

अजीत गुप्ता संवाददाता

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