डेस्क खबर खुलेआम
पत्थलगांव – जी हां दरहसल छत्तीसगढ की अगर हम बात करें तो पहले शराब के नाम से ही जाने जाना वाला हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ है वहीं शराब की अवैध कारोबार करने वालों पर जहां प्रशासन लगातार कार्यवाही करती नजर आती है वहीं दूसरी ओर जशपुर जिले के पत्थलगांव में शराब पुलिस के निगरानी में बेची जाती है, आपको बता दें कि जहां शराब दुकान के बंद होते ही होटलों और ढाबों में खुलेआम शराब परोशा जाता है और वो भी मनचाहे दामों पर नगर के हृदय स्थल कहे जाने वाले बसस्टेंड में भी खुलेआम शराब बैठा के पिलाया भी जाता है अपर पत्थलगांव पुलिस की कार्यवाही सिर्फ खानापूर्ति के हिसाब से नजर आती है जहां आदिवासी समुदाय के लोग अपने पीने के लिए घर में दो लीटर भी शराब रखते हैं तो पुलिस गरीबों पर कार्यवाही कर तो देती है पर रसूखदार ढाबे व होटलों के संचालकों पर कार्यवाही करने पर पुलिस प्रशासन की माथे से पसीना फूटने लगता है ऐसे में सवालिया निशान यह खड़ा होता है की क्या नियम और कानून सिर्फ गरीबों का हक मारने के लिए है या फिर रसूखदार पर कार्यवाही करने के लिए भी ।।। तो देखना ये होगा की अब इतना होने पर भी पुलिस का क्या रुख रहता है क्या पुलिस अवैध शराब बेचने वालों पर लगाम लगा पाती है या फिर पुलिस के निगरानी में शराब का यह खेल यूं ही जारी रहता है ।।।
पत्थलगांव से अजीत गुप्ता की रिपोर्ट