
भाजपा की टीम 1 ने तहसीलदार और टीम 2 ने बीईओ सौपा ज्ञापन ….

हिंदी मीडियम को इग्लिस मीडियम में विलय को लेकर दो धड़ो में बंट कर किया प्रदर्शन …!!
एक तरफ प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आत्मनन्द इग्लिस मीडियम स्कूल को लेकर पूरे प्रदेश में अफवाह का बजार गर्म है हिंदी मीडियम स्कुलो को बंद कर दिया जायेगा जिसे लेकर भाजपा मुद्दे को भुनाने को लेकर जगह जगह विरोध प्रदर्शन कर रही है इसी को लेकर घरघोड़ा भाजपा भी कहा पीछे रहने वाली थी 25 अगस्त को भाजपा के मण्डल अध्यक्ष , नप अध्यक्ष , अल्पसंख्यक मोर्चा , ब्यापारी प्रकोष्ठ व युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकरणी सदस्य व अन्य कार्यकर्ताओ के साथ सुबह आठ बजे स्कूल के गेट में ताला लगा कर विरोध प्रदर्शन करने लगे । मौके पर तहसीलदार , नायब तहसीलदार के पहुचने के पश्चात ज्ञापन देकर आंदोलन को विराम दिया ।
वही कुछ घण्टे पश्चात पुनः भाजपा की दूसरी टीम लगभग 11 बजे जिला महामंत्री के नेतृत्व में जिला पंचायत सदस्य व भाजयुमो कार्यकर्ताओ के साथ स्कूल में हिंदी मध्य के बंद को लेकर विरोध प्रदर्शन करने पहुच गये , प्रदर्शन को लेकर नगर में चर्चा कौतूहल बना रहा, भाजपा की दूसरी टीम आनन फानन में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के पी पटेल के पहुचने के बाद ज्ञापन देकर कार्यकर्ता लौट गये , लेकिन आम लोगो मे यह बात उठने लगी कि आखिर अलग अलग गुटों में अलग अलग समय भाजपा को प्रदर्शन क्यो करना पड़ा, जो इस बात को कहि ना कहि यह बताती है कि भाजपा के अंदर खाने में उठापटक चल रही है ।
शिक्षा ब्यवस्था सुधार को लेकर आंदोलन क्यो नही …..!!
घरघोड़ा शहर में स्थापित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 1958 से है जिसमे कई विषयों में संकाय संचालित है पहले यहां विधार्थियो की संख्या सैकड़ों में होती थी परंतु धीरे धीरे यह विद्यालय राजनीति अखाड़ा बन गया , जिसका खमियाजा यहां के छात्रों को उठाना पड़ा रहा है । शैक्षणिक ब्यवस्था को सुधार करने भाजपा नेताओं ने कभी कोई नही प्रदर्शन किया । आज सिर्फ शासन के खिलाफ प्रदर्शन पार्टी में अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए दिखावा मात्र जनचर्चा बना हुआ है
इस तरह गुटों में बंटी घरघोड़ा भाजपा प्रदेश में बैठी सरकार को चुनौती देने के खोखले दावे की पोल खुलने लगी है , कही न कही इनकी लड़ाई का फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को मिलना तय माना जा सकता है ।

