नितिन सिन्हा की कलम से :
जिला मुख्यालय के सन्ननिकट nh 49 के किनारे बसे धार्मिक ग्राम झलमला में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ऐतिहासिक राम नामी मेले का आयोजन किया गया है।
मेले का आयोजन करने वाली संस्था श्री श्री राधा माधव संकीर्तन मंडली झलमला के निमंत्रण पर यहां देश प्रदेश से साधु-संतों का आगमन हो रहा है। राम नाम सप्ताह के नाम से पहचाने जाने वाले इस राम नामी मेले में भाग लेने दूसरे गांवों और राज्यों की भी कीर्तन मंडली यहां आती है। ग्रामीण सभी की भाव सत्कार करते हैं। मंडली के वरिष्ठ सदस्य रत्थु पटेल जी ने बताया कि पिछले 65 सालों से यह मेला हर साल सात दिन के लिए आयोजित किया जा रहा है। विगत कोविड काल मे दो वर्ष यह बाधित रहा। मगर इस वर्ष पूरे हर्षोल्लास से हम ग्रामीण पुनः इस ऐतिहासिक मेले का आयोजन कर रहे है। यहां पूरे सात दिनों तक दिन और रात चारों पहर 24 सों घण्टे भगवान के पवित्र नाम का संकीर्तन रूप में जाप होता है। भगवान के महामंत्र “हरे राम हरे कृष्ण” उच्चारण से गांव का माहौल भक्ति भाव से सराबोर हो जाता है। गाँव मे रहने वाले सभी धर्म के लोग इस संकीर्तन मेले में बढ़ चढ़ कर भाग लेते है। खास कर सिख्ख धर्म के लोग विशेष भूमिका अदा करते हैं।
वही मेले में पधारे गोपी नाथ जीव मन्दिर के पीठाधीश्वर श्री ब्रजेश्वर मिश्र महाराज ने बताया कि वे भी बाकी संतों की तरह नाम यज्ञ में भाग लेने झलमला आये है। यहाँ के ऐतिहासिक जगन्नाथ मन्दिर में समय समय पर धार्मिक अनुष्ठान और यज्ञ कर्म होता रहता है। गांव के लोगों में मान्यता है कि राम नाम के साप्ताहिक यज्ञ मेले के आयोजन से साल भर गांव के लोग न केवल शारीरिक,मानसिक बल्कि भौतिक और सामाजिक कष्टों से दूर रहते है। इस मेले के कारण पूरा गांव आपसी विद्वेष भाव को भूलकर संगठित हो नाम संकीर्तन में भाग लेता है। जिससे वे लोग अगले एक साल तक ऊर्जान्वित हो जाते है।।