तमनार तहसील में एसईसीएल की पेलमा माइंस के भू- अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ होनी है। | इसके लिए अतिरिक्त तहसीलदार अनुज पटेल इतने आतुर हो गए कि पदस्थ तहसीलदार के नाम से आदेश निकाला और खुद ही साइन करके, सर्वे करने भी पहुंच गए। जिन पटवारी हलकों में अनुज पटेल पहुंचे थे वो लीलाधर चंद्रा के कार्यक्षेत्र में आते हैं। सर्वे तो हो नहीं पाया क्योंकि ग्रामीणों ने राजस्व टीम को उल्टे पांवलौटा दिया । बता दे कि तहसील तमनार के प्रभारी तहसीलदार अनुज पटेल तमनार के 4-5 आर.आई. और 8 -10 पटवारी मिल कर एसईसीएल कोयला खदान का सर्वे करने गए थे जैसे ही इस क्षेत्र के ग्रामीणों को पता चला तो फिर इन गांवों के आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा एकजुट होकर लालपुर, उरबा, पेलमा, सक्ता, जरीडीह के लोगों ने गांव से खदेड़ दिया इस कोयला खदान क्षेत्र में 14 गांव आते हैं यह कोयला खदान एसईसीएल को 2010 में दी गई थी जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा 2010 से ही किया जा रहा है आस पास के कोयला खदान प्रभावितों का कहना है कि हमको ऐसा विकास नहीं चाहिए ग्रामीणों द्वारा अपने अपने ग्राम सभा में कोयला खदान के विरोध में प्रस्ताव पास करके जिला प्रशासन और राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं कुछ दिन पहले ही एस ई सी एल कोयला खनन का समझौता अदानी से 6008 रू. में 22 बरसों के लिए किया गया जिसके विरोध में 20 फरवरी 2023 को पेलमा गांव से तीन दिवसीय पदयात्रा कर विरोध पत्र लेकर कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टीस, हाईकोर्ट के चीफ जस्टीस, हाईकोर्ट एवं राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया था जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे ग्रामीणों में व्यापक आक्रोश ब्याप्त है।
अमरदीप चौहान की रिपोर्ट