लैलूंगा बीईओ पर शिक्षिका ने लगाया उत्पीड़न का आरोप कलेक्टर ने एसडीएम को दिए जांच के आदेश

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चंद्र शेखर जायसवाल

जांच के लिए बनीं कमेटी मामले में जांच के लिए कलेक्टर से समिति के अलावा नायब लैलूंगा विकासखंड शिक्षा अधिकारी घनाराम ब्लॉक के एक गांव की प्राइमरी स्कूल शिक्षिका ने गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की है । कलेक्टर ने लैलूंगा एसडीएम को जांच के निर्देश दिए । एसडीएम ने महिला उत्पीड़न समिति के अलावा नायब तहसीलदार सीडीपीओ के नेतृत्व दो कमेटियां बनाकर जांच शुरू कराई है । आरोप यह भी है कि इस मामले जाटवर के खिलाफ लैलूंगा निर्देश मिले थे । महिला उत्पीड़न तहसीलदार , सीडीपीओ के साथ भी एक कमेटी बनाई गई है । इन दोनों कमेटियां इस मामले की जां करेगी । इसकी रिपोर्ट को डीईओ में और कलेक्टर को देने के लिए कहा गया है । इसमें सारे पक्षों की जांच के बाद इसकी रिपोर्ट दी जाएगी । सीमापात्रे , एसडीएम , लैलूंगा की शिकायत शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी और महिला बाल विकास अफसर से की थी लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की । गया है कि उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी ।

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शिकायत महिला आयोग में भी की गई है । महिला शिक्षिका ने अपनी शिकायत में बताया है कि बीईओ ने बिना किसी कारण के 2018 के मार्च और मई में वेतन रोक दिया । उन्होंने अलग – अलग माध्यम से बीईओ दफ्तर बुलाया । दफ्तर में वेतन बनाने के एवज में गलत प्रस्ताव दिए गए । अश्लील और अमर्यादित भाषा में बात की गई । बीईओ का प्रस्ताव नहीं मानने पर 2020 में भी वेतन रोक दिया गया । लगातार प्रताड़ना से तंग आकर शिक्षिका ने कलेक्टर , एसपी को शिकायत की । शिकायत में कहा बताया जाता है कि इस मामले में डीएमसी ने जांच के लिए कमेटी भी बनाई थी , जिसमें एबीईओ , प्रधानपाठक को रखा गया था । डीएमसी को जांच कराने का कोई पावर ही नहीं है , जांच कराने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी को होता है । इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग में भी शिकायत की गई । जांच में कुछ नहीं हुआ तो पीड़ित महिला कलेक्टर और एसपी को चार बिन्दुओं में शिकायत की थी ।




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