कार्यक्रम में धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस दीपक मिश्रा विशेष रूप से शामिल हुए
मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र के दुःख को बिना कहे समझ जाए।
घरघोड़ा के शंकर राइस मिल शिव शर्मा व परिवार द्वारा आयोजित श्रीमदभागवत कथा में सरस संगीतमय भागवत कथा का रसपान कराते हुए वृंदावन धाम से पधारे ब्यासपीठ आचार्य पूज्य मृदुलकान्त शास्त्री ने अपने प्रवचनों से कथा स्थल में आ रहे भक्तों को ज्ञानामृत का रसपान कर रहे हैं 18 जुलाई से प्रारंभ भागवत कथा महात्म्य मंगलाचरण , कपिल चरित्र , ध्रुव चरित्र , प्रहलाद चरित्र , श्रीराम जन्मोत्सव ,श्रीकृष्ण जन्मोत्सव श्री गोवर्धन लीला महोत्सव छप्पन भोग कथा का रसपान करते रहे है आज सातवे दिन हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों को सुदामा चरित्र कथा सुनाई । सुदामा चरित्र का वर्णन में आचार्य मृदुलकान्त शास्त्री ने वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के जैसे जो अपने मित्र के दुख को बिना कहे समझ जाएं और दुख कस्ट के समय हमेशा अपने सहयोग के लिए खड़ा रहे । अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताये उसकी मदद कर दे । यही सच्ची मित्रता की पहचान है ।
श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुए भावविभोर
भागवत सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण ने मिलने आए तो उन्होंने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए। अगर सच्चा मित्र है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होना चाहिए। जीवन में मनुष्य को श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए।
आज कथा स्थल में हजारों की संख्या में सुदामा चरित्र कथा प्रसंग सुमधुर भजनों संगीत के साथ श्रद्धालुओं भक्ति रसपान करते हुए भाव विभोर होकर गीत – संगीत के साथ जमकर झूमे सभी के लिए आज का यह पल यादगार बन गया ।
आज के कार्यक्रम में धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस दीपक मिश्रा विशेष रूप से शामिल हुए ।