रायगढ़ : पटवारी पवन और साथी जमीन दलालों के विरुद्ध पीड़ित किसानों ने लिखित शिकायत पेश कर कार्यवाही की मांग

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जमीन के पेशेवर और आपराधिक चरित्र वाले दलालों से परेशान आदिवासी किसान

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मेडिकल कालेज क्षेत्र के आदिवासी किसानों को पिछले दस सालों से परेशान कर रखा है जमीन दलालों ने

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रायगढ़:- जमीन दलालों की बेजा हरकतों से परेशान मेडिकल कालेज के गरीब आदिवासी किसानों ने आज कलेक्टर रायगढ़ सहित पुलिस अधीक्षक और विधायक रायगढ़ के समक्ष लिखित शिकायत पेश की है। किसानो के बताए अनुसार उनकी भूमि मेडिकल कालेज रोड पर या उसके आसपास स्थित है। अतः बीते एक दशक में उनके क्षेत्र में जमीनों की खरीद बिक्री काफी तेज हुई है। इसके साथ ही जमीन दलालों के समूह भी सक्रिय हुआ है।


आवेदन में पीड़ित किसानों ने कहा हैं,कि जमीन मामलों से जुड़े कई फर्जीवाड़ों को लेकर बदनाम सुदा पटवारी पवन चौहान और उसके सहयोगी जमीन दलालो के द्वारा हम आदिवासी किसानों की भूमि आज से लगभग 10 साल पहले यह कहकर की मैं खुद ही पटवारी हूँ और आप खड़िया जाति के लोग सामान्य जाति में आते है,मैं आपकी जमीनों का सौदा अच्छी कीमतों में करा दूंगा। इस तरह अपनी लच्छेदार बातों में हमें उलझा कर समलाती खाते के किसानों में किसी को 10 तो किसी को 15 हजार रुपये देकर हमारी जमीनों का एक फ़र्ज़ी करारनामा बनाते हुए जमीनो का पट्टा(ऋण पुस्तिका)अपने पास रख लिया है। पटवारी पवन चौहान और उसके जमीन दलाल सांथी रतन लाल ने इस तरह हम आठ दस आदिवासी किसानों को कुल 2 लाख 75 हजार रु बयान देकर दो महीने में 15 लाख रु प्रति एकड़ की दर भाव से रजिस्ट्री करा लेने को कहा था। 


परन्तु आज दस साल से ऊपर हो गए न तो उसने भूमि की रजीस्ट्री कराई,न ही हमारी ऋण पुस्तिका वापस की,जब भी हम इस सम्बंध में बात करने उसके पास गए तो वह गाली गलौज या धमकी-चमकी देकर 22 लाख रु देकर अपनी ऋण पुस्तिका ले जाओ कहते है। इसके बाद वह हमारे घर जमीन दलाल रतन लाल के साथ दो चार अन्य लोगों को (जिन्हें हम चेहरे से पहचानते हैं)जिनमे से एक खुद को पुलिस वाला बोलकर हम सबको धमकाता है इनको भेज कर जबरन रजस्ट्री करने आओ का दबाव बनावा रहा है। इस वजह से हमारे परिवार और गांव में स्थिति बेहद तनाव पूर्ण हो गई है। भविष्य में ऐसी स्थिति बनी रही तो कोई भी अप्रिय घटना घटने की प्रबल सम्भावना है।हमारे द्वारा पता करने पर यह पाया गया कि पेशे से पटवारी और मुख्यतः  जमीन दलाल पवन चौहान और उसके सांथियों ने कई अन्य आदिवासी किसानों के साथ ऐसा ही काम किया है। 10 साल पहले और आज भूमि की कीमतों में काफी बदलाव आ गया है। परन्तु इन जमीन दलालों के कारण हम न तो अपनी जमीनों को उचित बाजार मूल्य में बेच पा रहे हैं न ही ऋण पुस्तिका के अभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ ले पा रहे हैं। यहां तक कि धान खरीदी बिक्री में भी हमें काफी समश्या हो रही है। 


अपने आवेदन में पीड़ित किसानों ने कलेक्टर भीम सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह मीणा से कहा है कि महोदय हम आपसे विनम्र निवेदन करते है कि आप हमारे आवेदन को प्राप्त कर उसकी विधि पूर्वक जांच करने के उपरांत जमीन की दलाली में सक्रिय भूमिका निभाने वाले विवादित पटवारी पवन चौहान  और उसके साथी रतन लाल,फाहरूक खान व अन्य के विरुद्ध उचित दंडात्मक कार्यवाही करने की कृपा करें। महोदय इनके पास पिछले 10 सालों से रखी हुई हम किसानों की ऋण पुस्तिका भी वापस दिलाने की कृपा करें।

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