पत्थलगांव – हमेशा की तरह एक बार फिर पत्थलगांव तहसील न्यायालय अपनी उदासीनता को लेकर सुर्खिया बटोर रहा है जशपुर जिले का सबसे बड़ा जोन होने के कारण यहां आए दिन ग्रामीण क्षेत्रो से सैंकड़ो हितग्राही चक्कर लगाते दिखाई दे रहे है। इन दिनों पत्थलगांव के तहसील कार्यालय में रसूखदारों का बोलबाला चल रहा है।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ दिनों पहले राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर समय सीमा के भीतर नामांकन, बटवारा व राजस्व के लंबित प्रकरणों के निपटारे के निर्देश दिए थे लेकिन पत्थलगांव तहसील न्यायालय के अधिकारी कर्मचारियों के कान में जू नही रेंग रही है। कुछ हितग्राही जिन्होंने जुलाई महीने में खसरा नंबर 301/5/ख व 301/9 भूमि की क्रमशः 2 रजिस्ट्री करवाई है 6 महीने से ज्यादा बीत जाने के बावजूद उनका प्रमाणीकरण आज तक नही हो पाया है वे लगातार प्रतिदिन तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर है जुलाई में रजिस्ट्री होने के बाद पहले तो 2 महीने से ऊपर उनके प्रमाणीकरण को रोककर रखा गया जबकि जमीन रजिस्ट्री के बाद 15 दिन की समय सीमा के बाद यदि कोई आपत्ति नही दर्ज होती है तो उसका प्रमाणीकरण करना होता है लेकिन आज तक हितग्राही प्रतिदिन तहसील के चक्कर लगाने को मजबूर है। उसके बाद 30/09/2022 को मजबूरन शासन को दिखाने के लिए उनके प्रकरण को ऑनलाइन दर्ज किया गया और आजतक उसका निपटारा नही हुआ है। जबकि नेशनल हाइवे में अधिग्रहण की हुई भू अर्जन की अनेक भूमि की हुई रजिस्ट्री का प्रमाणीकरण इसी न्यायालय से हो चुका है।जिससे साफ दर्शित होता है कि गलत काम हो या सही काम हो सिर्फ यहां रसूखदारों का बोलबाला है आम जनता लगातार चक्कर लगाती रहे यहां के अधिकारियों को उससे कोई लेना देना नही है। यही नही एक हितग्राही ने फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत पूरे दस्तावेजो के साथ कलेक्टर जशपुर को की थी जिस पर कलेक्टर जशपुर ने तत्काल संज्ञान किया और टी एल क्रमांक 611 दिनांक 14.11.2022 दर्ज कर तहसील न्यायालय पत्थलगांव जांच हेतु भेजा जिस पर तहसीलदार पत्थलगांव ने पत्र क्रमांक 282/रीडर/तह/2022 के माध्यम से दिनांक 19/12/2022 को 3 राजस्व निरीक्षक व 1 पटवारी की संयुक्त टीम बनाकर जांच हेतु प्रतिवेदन देकर 2 दिन में जांच प्रतिवेदन की मांग की थी लेकिन आज 1.5 माह बीत जाने के बावजूद न जांच हुई न प्रतिवेदन आया जिससे साफ दर्शित है कि सूबे के मुखिया के निर्देश का यहां के अधिकारी कर्मचारियो पर किसी प्रकार का कोई असर नही दिख रहा है और इनके इस कृत्य से इस आदिवासी अंचल के ग्रामीणों का काफी कठिनाइयों व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अजीत गुप्ता संवाददाता