मकर संक्रांति पर्व १४ को नही १५ को मनाया जायेगा जानिए शुभ मुहूर्त पंडित श्रीकांत महराज जी के कथना अनुसार

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सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति हिन्दुओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है l इस शुभ दिन पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन से सूर्य दक्षिणायन (दक्षिण) से उत्तरायण (उत्तर) गोलार्ध में अपनी गति शुरू करता है। इसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाते हैं और शादी-विवाह, मुंडन, छेदन जैसे मांगलिक और शुभ काम होना शुरू हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन स्नान के साथ दान करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिलने के साथ पुण्य की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है। पंडित श्रीकांत महराज के द्वारा मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त –मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त पुण्य काल – 15 जनवरी 2023 को सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तकमहा पुण्य काल – 15 जनवरी 2023: सुबह 7 बजकर 17 मिनट से सुबह 9 बजकर 04 मिनट तकसुकर्मा योग- 14 जनवरी दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से 11 बजकर 51 मिनट तकधृति योग- 11 बजकर 51 मिनट से 16 जनवरी सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक मकर संक्रांति के रीती रिवाज़ –मकर संक्रांति को पुरे देश में अलग अलग नामों से मनाया जाता है l लेकिन सभी का उद्देश्य नई फसल का उत्सव मनाना और शुभ परिवर्तन में दान धर्म कर पुण्य अर्जित करना ही है l आज के दिन देश के लगभग सभी प्रान्तों में तिल के तेल और उबटन से स्नान करने की परंपरा है l आज के दिन पुण्य नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है l सूर्योदय के पूर्व स्नान कर सूर्य जो हर प्राणी के जीवन की धुरी है उनकी पूजा कर अर्ध्य देने की परंपरा हमें कृत्घ्यता प्रकट करना सिखाती है l आज सभी को तिल और गुड के लड्डू बांटे जाते है और खिचड़ी बनायीं जाती है l सर्दी के मौसम में तिल और गुड हमारे शरीर को गर्म रखते है और खिचड़ी पचने में सरल होती है l गुजरात में आज के दिन पतंगबाजी का उत्सव मनाया जाता है और आंध्र प्रदेश में पोंगल नाम से यह त्यौहार मनाया जाता है l पोंगल में लकड़ी के चूल्हे पर गुड की खीर बना कर सभी को प्रसाद के रूप में वितरित करने की परंपरा है l केरल के प्रमुख तीर्थ सबरीमाला में आज के दिन मकर ज्योति के दर्शन होते है और सुब्रमण्यम स्वामी की सभी लोग पूजा अर्चना कर प्रसाद अर्पित करते है l पंजाब, ओड़िसा और असम में आज का दिन माघी या माघ्यात्रा के नाम से मनाया जाता है l बंगाल में गंगासागर में डुबकी लगाकर लोग पवित्र स्नान करते है और इस मौके पर गंगासागर मेला भी लगता है l आज के दिन सभी भारत के सभी राज्यों में दान धर्म करने की रिवाज़ माना जाता है l आज के दिन द्वार पर आये किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटाया जाता, और यही हमारे धर्म और संस्कृति की विशेषता है जो हमें खुशियाँ और अपने अर्जित धन धान को बांटना सिखाती है

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