बच्चों का मनोबल तोड़ने वाले शिक्षकों पर कब होगी कार्यवाही या यूं ही चलते रहेगी शिक्षको की मनमानी

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डेस्क खबर खुलेआम

खरसिया के सरकारी स्कूल में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना की धज्जिया उड़ाने वाले शिक्षक के ऊपर क्यों मेहरबान है शिक्षा विभाग

रिपोर्टर हीरालाल राठिया

खरसिया से शिक्षा विभाग का एक बेहद संवेदनशील मामला सामने आया था जहां एक आदिवासी छात्रा नंदिनी सिदार के साथ प्रिंसिपल और टीचर द्वारा उसका मनोबल तोड़कर उसे एडमिशन नहीं दिया गया , इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ , पर शिक्षाविभाग के अधिकारी इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं किये ।

बता दे की मामला खरसिया के लाल बहादुर शास्त्री उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है जहा पर पुरानी बस्ती निवासी छात्रा नंदिनी सीदार 11 वी में बायोलॉजी के स ब्जेक्ट से एडमिशन लेकर डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा करना चाहती थी , जिसके लिए वो स्कूल एडमिशन लेने पहुंची जहां छात्रा के बताए अनुसार इसके साथ बदसलूकी की गई एवम उसे फैल हो जाएगी तू नही कर पाएंगी ऐसा कहकर उसके मनोबल को तोड़कर उसका एडमिशन नहीं लेंगे कहकर भागा दिया गया, जबकि उससे कम परसेंटेज वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया गया , बच्ची से जानबूझकर कड़े सवाल किए गए जिसका जवाब वो नही दे सकी। डरी सहमी सी बच्ची को कई बार प्रताड़ित कर के वापस भेज दिया गया
इस तरह के कड़े व्यवहार से दुखी छात्रा अब स्कूल में एडमिशन लेने से डर रही है के आगे चलकर उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाए ।

हमारी टीम वायरल वीडियो के पड़ताल में जब स्कूल के प्रिंसिपल से सम्पर्क किये तो प्रिंसपल मैम भी उल्टे पुल्टे जवाब दे मामले से खुद को बचाती नज़र आई ।

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