
डेस्क खबर खुलेआम ……..
मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत मिले बोलेरो वाहन को कर रहा निजी उपयोग

इन दिनों स्वास्थ्य विभाग बड़ी सुर्खिया बटोरने में लगी है। चाहे जिले का हो या छोटे शहरो का कुछ माह पूर्व जिला चिकित्सा अधिकारी के खिलाप स्वास्थ्य कर्मचारी ने मोर्चा खोल दिया था जिससे भ्र्ष्टाचार करने का आरोप लगाया गया था जिनकी मनमानी थमने का नाम नही ले रही है। वही लैलूंगा शासकीय अस्पताल में नवपदस्थ खण्ड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर लखन पटेल अपने कार्यों को लेकर शुरू से विवादों में रहे है। सुरूवाती दौर से ही नेताओं व मंत्रियों का करीबी बता कर खूब सुर्खिया में रहे। ज्ञात हो कि लैलूंगा अस्पताल के सीनियर डाक्टर सर्जन एस एन उपाध्याय के रिटार्यड के दौरान लखन पटेल को BMO बनाया गया है बीएमओ पोस्ट मिलते ही अपना रौब अपने से सीनियर पर झाड़ते हुए देखे गए है।डाक्टर लखन शुरू से विवादित कार्य करते रहे है मरीजो से पैसा लेना स्टॉप से दुर्व्यवहार करना ऐसे कई मामले सामने आते रहे है। लेकिन जब से BMO का पोस्ट मिला है तब से डॉक्टर लखन की मनमानी चरम सीमा पर है। केंद्र सहित राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं को कागजो पर लाभान्वित कराया जा रहा है। जीवन दिप समिति द्वारा अस्पताल मे ए सी खरीदी का मामला हो या टेबल कुर्सी सहित बेड बिस्तर सभी गड़बड़ियों का अंबार है। सबसे बड़ा मामला यह है कि हाट बाजार क्लिनिक योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है इसी कड़ी में लैलूंगा स्वास्थ्य विभाग को एक बड़ी वाहन एव दो बोलेरो वाहन प्रदाय किया गया है जिसमें सरकार की स्वास्थ्य योजना की उपलब्धि की जानकारी सहित मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री का पोस्टर पूरी वाहन में लगा था जिसे डाक्टर लखन पटेल द्वारा मनमाने तरीके से वाहन की पोस्टर को उखाड़ कर बोलेरो वाहन क्रमांक CG02AU0727 को अपने निजी उपयोग के लिये किया जा रहा है। जबकि इस वाहन में कमर्चारी सहित हाट बाजार क्लीनिक योजना के डॉक्टरो को बाजार में जाकर बीमारियों का इलाज चेकप कर ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा सके लेकिन यहां BMO की मनमानी ने सरकार की स्वास्थ्य उपलब्धता को ठेंगा दिखाने का काम किया जा रहा है। इस वाहन का उपयोग हाट बाजार क्लिनिक के लिए ग्रामीण क्षेत्र में सरकार की स्वास्थ्य योजना के उपलब्धि को प्रचार प्रसार के साथ इलाज के लिए दिए गए है। बताया जा रहा है कि विभाग में इनके पदस्थ होने के बाद से ही व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गया है नार्मल मरीजों को गम्भीर बता कर जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया जाता है। यहां मनमानी का आलम इस कदर है। की ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को प्रताड़ित किया जाता हैं।समय रहते स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर एवं व्यवस्था पर परिवर्तन नही किया गया तो आने वाले समय पर स्वास्थ्य विभाग पर एक बड़ा सवाल खड़ा होगा जिसका खामियाजा जिले के आलाधिकारी को भुगतना पड़ेगा।