

(अजीत गुप्ता)पत्थलगांव – इन दिनों पत्थलगांव क्षेत्र में भू माफियाओं के हौसले बुलंद है किसी भी वर्ग की जमीन चाहे सामान्य या आदिवासी जमीन हो सभी पर भू माफियाओं की गिद्ध नजर टिकी हुई है।ये लोग एकड़ो में जमीन का चंद रुपये देकर सौदा कर लेते है और फिर बिना किसी नियम कानून के बिना कॉलोनाइजर एक्ट का पालन किये उस पर अवैध प्लाटिंग कर मोटी रकम लेकर उसे बेच दे रहे है।शासन व प्रशासन के लोगो के सामने यह खेल खुले रूप से चल रहा है लेकिन किसी का इस ओर ध्यान नही है।आपको बता दे कि किसी भी जमीन को टुकड़े करके विक्रय करने के लिए उस पर कॉलोनाइजर एक्ट के तहत ग्राम या नगर निवेश से अनुमति लेनी।होती है फिर उसका बटांकन होता है फिर उसका नक्शा दुरुस्त किया जाता है लेकिन सभी नियमो को ताक में रखकर पत्थलगांव क्षेत्र में भू माफिया बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे है।न तो कॉलोनाइजर एक्ट के तहत अनुमति ली जाती है और न ही नियमो से कार्य होता है और यहां के पटवारी व राजस्व निरीक्षक भी इन माफियाओं के साथ सांठ गांठ कर मोटी रकम लेकर नक्शा काट देते है यदि पिछले 3 साल के रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो साफ दर्शित होगा कि एक प्लॉट नंबर के 15 से 20 टुकड़े तक करके जमीनों की खरीद फरोख्त का धंधा किस प्रकार चल रहा है।उप पंजीयक भी नही देते ध्यानअवैध प्लाटिंग के खेल में सभी का मिला जुला सहयोग चल रहा है जब भू माफिया पंजीयन निष्पादन हेतु जाते है तो उप पंजीयक को भी देखना चाहिए कि टुकड़े की गई जमीन में कॉलोनाइजर एक्ट के तहत अनुमति ली गई है अथवा नही लेकिन सभी नियमो को ताक में रखकर उनके द्वारा भी विक्रय पंजीयन निष्पादन कर दिया जाता है।सूत्र बताते है कि बिना नक्शे में पहुंच मार्ग के प्लाटिंग कर उस पर सड़क दर्शा कर गलत तरीके से बैंकों से लोन लेने का खेल भी जोरो से चल रहा है यदि बैंकों से लोन लिए गए जमीनों की जांच हो जाये तो कई बैंक सड़क पर आ जाएंगे।जब अवैध प्लाटिंग के संबंध में हमारे संवाददाता ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पत्थलगांव आर.एस.लाल से बात की तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार यदि प्लाटिंग हो रही है तो वह गलत है प्लाटिंग के किये कॉलोनाइजर एक्ट के तहत अनुमति लेना अनिवार्य है हम इसकी जांच कराएंगे और नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही होगी।



