तमनार – प्रतिवर्ष 8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।लैंगिक भेदभाव से मुक्त एक बेहतर समाज बनाने और लैंगिक समानता का संदेश देने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. ये दिन महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है. ये महिलाओं के समान अधिकार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार और प्रजनन अधिकारों जैसे मुद्दों पर बात करता है.
देश में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार है। महिलाएं देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा विकास में भी बराबर की भागीदार हैं।भारत में नारी को देवी के रूप में देखा गया है। कहा जाता है कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। प्राचीन काल से ही यहां महिलाओं को समाज में विशिष्ट आदर एवं सम्मान दिया जाता है। भारत वह देश है जहां महिलाओं की सुरक्षा और इज्जत का खास ख्याल रखा जाता है। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करें तो यहां की महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला काम कर रही हैं।हमारे देश में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार है। महिलाएं देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा विकास में भी बराबर की भागीदार हैं। आज के युग में महिला, पुरुषों के साथ ही नहीं बल्कि उनसे दो कदम आगे निकल चुकी है।
महिलाओं के बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भारतीय संविधान के अनुसार महिलाओं को भी पुरुषों के समान जीवन जीने का हक है। बताया गया और पड़ीगांव ग्राम पंचायत में गर्ल पॉवर के तत्वधान में इस आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत सदस्य सहोद्रा दुर्गेश राठिया जी कर रहे थे। आज के इस कार्यक्रम में ग्राम के महिला समूह, मितानिन समूह, आगनवाड़ी शिक्षिकायो एवम प्राथमिक विद्यालय शिक्षिकायों एवम ग्राम के महिलाओं को सम्मानित किया गया। सभी महिलाओं के विभिन्न प्रकार के सास्कृतिक कार्यक्रम कुर्सी दौड़, चम्मच दौड़, पासिंग गेम का भी आयोजन किया गया था। जिसमे सभी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । व महिलाओं को एक नए आयाम के साथ हौसला उत्साहवर्धन बढ़ाया गया।