

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात के 100वां संस्करण का कोरबा विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 35 मतदान केंद्र 108 में आयोजन कर सैकड़ों श्रोताओं ने श्रवण किया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यकर्म 3 अक्टूबर 2014 से प्रारम्भ किया गया है। जिसको देश की 30 करोड़ जनता ने सीधे संचार माध्यमो से सुनकर इसका लाभ लिया है। मन की बात में प्रधानमंत्री देश भर के सभी क्षेत्रों के कला एवं संस्कृति त्यौहार एवं सामाजिक रीती रिवाज़ पर्यावरण तथा अखंडता एवं एकता का उल्लेख करते हैं एवं देश के किसान, मेहनतकश मजदूर, युवा छात्रों का तथा महिला स्वसहयता समूह के महिलाओं के द्वारा किये गए सराहनीय कार्यों का उल्लेख एवं प्रशंसा करते हैं।इसी परिप्रेक्ष में प्रधानमंत्री ने अपने 100 वें संस्करण में छत्तीसगढ़ के स्वसहायता समूह की महिलाओं के कार्यों की प्रशंसा की। जिससे महिलाओं और युवकों को प्रेरणा प्राप्त होती है, ‘मन की बात’ देशवासियों की अच्छाइयों और उनकी सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है.” मन की बात की 100वीं कड़ी में पीएम मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा पर्व है, जो हर महीने आता है और जिसका सभी इंतजार करते हैं. मेरे लिए ‘मन की बात’ ये एक कार्यक्रम नहीं है, मेरे लिए एक आस्था, पूजा, व्रत है |पीएम मोदी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद परिस्थितियों की विवशता के कारण उनके पास जनता से कट जाने की चुनौती थी, लेकिन ‘मन की बात’ ने इसका समाधान दिया और सामान्य लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) को भारतीयों की भावनाओं का प्रकटीकरण करार दिया और कहा कि इस कार्यक्रम से जुड़ने वाला हर विषय जनआंदोलन बन गया. ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद परिस्थितियों की विवशता के कारण उनके पास जनता से कट जाने की चुनौती थी, लेकिन ‘मन की बात’ ने इसका समाधान दिया और सामान्य लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया. कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मन की बात कोटि-कोटि भारतीयों के ‘मन की बात’ है. यह उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है. ‘मन की बात’ देशवासियों की अच्छाइयों और उनकी सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है.” मन की बात की 100वीं कड़ी में पीएम मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा पर्व है, जो हर महीने आता है और जिसका सभी इंतजार करते हैं. मेरे लिए ‘मन की बात’ ये एक कार्यक्रम नहीं है, मेरे लिए एक आस्था, पूजा, व्रत है. मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हम इसमें सकारात्मकता और लोगों की भागीदारी का जश्न मनाते हैं. ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा, वह जनआंदोलन बन गया और लोगों ने इसे जनआंदोलन बना दिया.” इस क्रम में प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, स्वच्छ भारत अभियान, खादी को लोकप्रिय बनाने और प्रकृतति से जुड़े कार्यक्रमों का उल्लेख किया. पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने की तरह रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वहां आम जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था, लेकिन जब वह प्रधानमंत्री बने, तो वह जीवन अलग था, क्योंकि काम का स्वरूप अलग था, दायित्व अलग थे और साथ ही परिस्थितियों का बंधन व सुरक्षा का तामझाम भी था. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ऐसे में मैं खाली-खाली सा महसूस करता था. 50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क भी मुश्किल हो जाएगा. जो देशवासी मेरा सब कुछ हैं, मैं उनसे ही कटकर जी नहीं सकता था. ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, आम लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया. इस कार्यक्रम ने मुझे कभी भी आपसे दूर नहीं होने दिया |