धनतेरस – नरक चतुर्दशी – दीपावली – अन्नकूट – भाईदूज का पंच उत्सव महापर्व लोगों में उत्साह आरोग्यता समृद्धि का संदेश लेकर आती है।सनातन धर्मी हर्ष उल्लास के साथ पर्व को धार्मिक मान्यताओं के आधार पर पुरातन समय से मनाते रहे हैं।
धनतेरस कब है इसका शुभ मुहूर्त क्या है ?
त्रयोदशी 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट से प्रारम्भ होकर 23 अक्टूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट तक होगा।सूर्य उदय व्यापिनी तिथि अनुसार रविवार को धन तेरस का पूजन होगा।
खरीददारी का शुभ मुहूर्त :
23 अक्टूबर दिन रविवार
अमृत काल : प्रातः 09 .00से दोपहर 12.00 तक ।
शुभ: दिन 01.30 से 03.00तक।
शाम : 03.27 से 05.36 तक( स्थिर लग्न )
इसी प्रकार दीपावली महापर्व 24 अक्टूबर को भारत भर में सनातन धर्मी दीपोत्सव मनायेंगे। पूजन का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर सोमवार को
प्रातः : 06 बजे से प्रातः 07.30 तक। अमृत योग: दिन 03 बजे से शाम 06.00 बजे तक।
गोधूलि बेला का श्रेयष्कर समय शाम 04.41 से शाम06.17 तक रहेगा।वृष स्थिर काल : शाम 06.47 से रात्रि 08.46 तक एवं मिथुन लग्नकाल का समय रात्रि 08.46 से रात्रि 10.59 तक होगा।सिंह स्थिर लग्न काल रात्रि 01 .13 से रात्रि 03.14 तक रहेगा जिसमे शक्ति पाठ एवं माँ काली की आराधना करना स्थिर धन की प्राप्ति एवं साधना का समय फलदायी रहेगा।
25 अक्टूबर 2022 को खण्डग्रास सूर्यग्रहण भारत वर्ष में ग्रस्तास्त खण्ड सूर्यग्रहण के रुप में दृश्य होगा।जिसका विवरण है:-
सूतक :- 25 अक्टूबर प्रातः 04।51
स्पर्श :- शाम 04।51
मोक्ष :- सूर्यास्त 05।29
पर्वकाल :- 38 मिनट
राशिवार फल :-
मेष :- स्त्री पीड़ा
वृष:- शत्रुनाश
मिथुन:- व्यथा
कर्क:- कलह
सिंह:- धनलाभ
कन्या:-धन नाश
तुला :- देहकष्ट
वृशि0:-हानि
धनु:- यश
मकर:-मान नाश
कुंभ:- कष्ट मानसिक
मीन:- घात
इस प्रकार 26 अक्टूबर बुधवार को अन्नकूट गोवर्धन जी की पूजा एवं 27 अक्टूबर गुरुवार को भाई दूज का उत्सव होगा।