लैलूंगा- ग्राम पंचायत जामबहार में खुलकर किया गया भ्रष्टाचार सैकड़ों की तादाद में लोग इकट्ठा होकर ग्राम पंचायत के सचिव से मांगी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी आपको बता दें कि ग्राम पंचायत जामबहार हमेशा सुर्खियों में रहने वाला पंचायत है यहां के सरपंच सचिव के द्वारा पंचायत में किसी भी प्रकार से 14 वा वित्त 15वा वित्त एवं और कई प्रकार से शासन की योजनाओं का खुलकर बंदरबांट किया जाता है ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में किसी भी प्रकार का विकास कार्य नहीं किया है ना ही सड़क मरम्मत किया गया है मनरेगा का जितना भी कार्य किए गए हैं फर्जी मस्टररोल बना काम ना करने वालों के खाते में राशि का आहरण किया गया है इस संबंध में सरपंच सचिव एवं रोजगार सचिव के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की गई है
लेकिन सांठगांठ कर मामला को रफा-दफा किया जाता है पिछले कई वर्षों से सरपंच पद पर भगत परिवार में कब्जा जा रहा है लेकिन विकास के नाम पर सिर्फ ठेंगा दिखाया गया है ग्रामीण परेशान होकर के मजबूरन सूचना का अधिकार लगाकर जानकारी लेने का प्रयास कर रहे है इससे पूर्व में भी पूर्व सरपंच प्रत्याशी बलराम भगत के द्वारा सूचना का अधिकार लगाए गया था किंतु आज तक जवाब नहीं दिया गया है उच्च अधिकारियों से भी कई बार शिकायत की गई है किंतु अब तक किसी भी प्रकार की जांच एवं कार्यवाही नहीं की गई है इससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकारियों से सांठगांठ करके गांव के विकास की राशि को फर्जी जीएसटी बिल लगा कर के आहरण करने वाले सरपंच एवं सचिव जानकारी देते हैं या नहीं फिर ग्रामीणों को जानकारी मिलेगी या नहीं यह देखने वाली बात होगी जानकारी नहीं देने पर उच्च अधिकारियों को अपील एवं जनपद पंचायत सीईओ जिला पंचायत सीईओ कलेक्टर एवं कमिश्नर एवं पंचायत पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव से लिखित शिकायत की जाएगी ग्राम पंचायत की जानकारी दी जाती है यह देखने वाली बात होगी
इससे पूर्व में भी 04/05/2020 पूर्व सरपंच प्रत्याशी बलराम भगत के द्वारा लगाया गया था सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत विभिन्न मदो की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत ग्राम पंचायत जामबहार के अपीली अधिकारी सचिव से 4 मई 2020 को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें शौचालय निर्माण से प्राप्त राशि, 13 वे व 14 वे वित्त प्राप्त राशि की आय व्यय, विभिन्न प्रकार के मूलभूत की राशि की जानकारी टिन बिल नम्बर सहित मांगी गई थी जो 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी नही दिया गया फिर आवेदन कर्ता को किसी भी प्रकार का अभी तक जानकारी नहीं दिया गया है ऐसा लगता है कि यह पंचायत भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण जानकारी देने से सचिव के द्वारा आनाकानी किया जा रहा है ये फर्जीवाड़ा पूर्व सरपंच मनहरो भगत, उपसरपंच मंगली बाई भगत व सचिव दिनेश भगत के कार्यकाल के दौरान का है जिसमे पंचायत प्रतिनिधि लोग को फर्जीवाड़ा उजगार होने का डर सता रहा है इसलिये जानकारी देने से बच रहे सबसे ज्यादा गड़बड़ी शौचालय बोर खनन आहाता मरम्मत पंप मरम्मत गली मरम्मत तलाब की साफ-सफाई निर्माण में लगभग लाखों रुपए का गबन करने का आरोप लग सकता है