जंगल की जमीन से बाहर का निकला विवादित मां काली मंदिर परिसर

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पत्थलगांव- बिते दिनों शेखरपुर ग्राम में निर्माणाधीन भव्य काली मां के मंदिर के निर्माण मे अवरूद्ध पहुंचाने कुछ लोगों द्वारा इस निर्माणाधीन मंदिर परीसर की भूमि को जंगल की भूमि बताकर विरोध प्रर्दषन कर आश्रम का घेराव किया था जिसके बाद प्रशासन की टीम ने जब मौके का मुआयना किया तो यह भूमि पटटंे की पाई गई इस संबध मे वनपरिक्षेत्राधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा ने बताया कि मौके की जांच की गई वनपरिक्षेत्र की सीमा लाईन का जीपीएस के माध्यम से निरीक्षण किए जाने पर मंदिर की भूमि वनपरिक्षेत्र से बाहर की पाई गई। दरअसल यहां बरसो से स्थापित औधड बाबा आश्रम द्वारा जरूररतमंद बच्चों को निषुल्क अध्ययन करवाया जा रहा है साथ ही आश्रम भी संचालित है जिसमे क्षेत्र के अनेकों लोग लाभान्वित हो रहे है क्षेत्रवासियों के पूजन पाठ एंव आपसी सोहार्द हेतु एक भव्य मा काली मंदिर का भी निर्माण किया जा रहा है जिसकों जंगल की जमीन बताकर विवाद होने लगा था जिसके बाद मे वनपरिक्षेत्राधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा अपने टीम के साथ जब जांच किया गया तो जंगल की जमीन नही पाया गया। विदीत हो कि बिते दिनों जंगल की भूमि पर कब्जा कर मंदिर और स्कूल निर्माण का आरोप के साथ ही अन्य आरोपों के मामले मे विरोध प्रर्दषन को औघड आश्रम के अनुवायीयों ने मंदिर निर्माण मे बाधा पहुचाने वाले को हिंदु धर्म और संस्कृति के खिलाफ साजिष बताया है।बता दे कि शेखरपुर में स्थित औघड आश्रम में भव्य काली मां का मंदिर बन रहा है। इन दिनों मंदिर के गर्भगृह निर्माण का काम तेज गति से चल रहा है। यह मंदिर क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर होगा। मंदिर के गर्भगृह में सैकडो लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।

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