घोषणा पत्र को लेकर जनता का सामना करने की स्थिति में भी नहीं है कांग्रेस : शकील अहमद

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रायपुर भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद ने उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव द्वारा कांग्रेस की चुनाव घोषणा पत्र समिति में नहीं रहने की घोषणा को कांग्रेस की अंदरूनी कलह और कांग्रेस की प्रदेश सरकार की खत्म हो चुकी विश्वसनीयता का प्रमाण बताया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद ने आगे कहा कि उपमुख्यमंत्री पद पर श्री सिंहदेव की नियुक्ति के बाद भी अंदरूनी असंतोष और गुटीय द्वंद के चलते कांग्रेस का बुरा हाल है। गुटबाजी का आलम तो यह है कि अब दिल्ली में भी छत्तीसगढ़ के लिये दो गुट हो गए हैं,एक मुख्यमंत्री के साथ और दूसरी उप मुख्यमंत्री के साथ इसके चलते कांग्रेस का असंतोष विस्फोटक रूप में दिखाई दे रहा है।
शकील अहमद ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सिंहदेव के घोषणा पत्र समिति में नहीं रहने के ऐलान के बाद यह एकदम स्पष्ट हो गया है। पिछली घोषणा पत्र समिति के ‘जय-वीरू’ में अबकी बार किसने, किसका साथ छोड़ा? अब घोषणापत्र समिति में एक अकेला रह गया है। उपमुख्यमंत्री श्री सिंहदेव का ऐलान कांग्रेस में मचे घमासान की गूंज है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद ने कहा कि यह कांग्रेस की वादाखिलाफी के राजनीतिक चरित्र को स्पष्ट करता है। प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी के चलते उपमुख्यमंत्री सिंहदेव पहले ही एक मंत्रालय से इस्तीफा दे चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास के क्रियान्वयन में केंद्र सरकार द्वारा अपने हिस्से की पूरी राशि भेजे जाने के बावजूद प्रदेश सरकार की अड़ंगेबाजी और ग्रामीणों के आवास पर रोक लगाए जाने से नाराज सिंहदेव ने इस्तीफा देकर कांग्रेस की वादाखिलाफी को जगजाहिर किया था। शकील अहमद ने कहा कि जुमलेबाजों के 2018 के घोषणा पत्र की सारी पोल उपमुख्यमंत्री सिंहदेव (जय -वीरु की जोड़ी के एक साथी) ने खोलकर रख दी है। कांग्रेस की प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री ही अपनी सरकार और कांग्रेस की घोषणाओं व संकल्पों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री सिंहदेव ने अपनी इस घोषणा से बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।

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