ममता साहू की कलम से
लैलूंगा । छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है।और इसी धान की कीमत ने 15 साल से सत्ता में काबिज सरकार को ही बदल कर रख दिया था।पर भ्रष्टाचार की जड़े भी कितनी मजबूत होती है यह किसी से नही छिपा है। राजपुर धान खरीदी केंद्र में जो कुछ भी हुआ वह एका एक होना संभव प्रतीत नही होता ।जो कुछ वहा हुआ संभव है सभी धान खरीदी केंद्र में भी यही स्थिति है।किसानों के धान के रकबे में अन्य किसानों के जमी को जोड़ कर रकबा बढ़ाने में निश्चित ही रकबा बढ़ने वाले सभी किसानों की सनलिप्ता से इंकार करना बेमानी ही होगी। जब किसी किसान का रकबा बढ़ रहा है तो निश्चित ही उसे उसके रकबे के अनुसार धान बिक्री भी बढ़ा कर करेगा। उसे धान की कीमत तो चेक द्वारा ही उसके बैंक खाता में जमा हो कर मिलेगी और किसान को तो यह अवश्य जानकारी होगी की उसके पास कितनी जमी है। अब जब तक हम राजपुर धान खरीदी केंद्र के कुछ रसूख दार किसानों की तह तक नही जाएंगे तो हमे इस बात की जानकारी नहीं होगी की इन धान खरीदी केंद्र में कब से घोटाले के लिए षडयंत्र रचे जा रहे थे। वैसे तो उपरोक्त धान खरीदी केंद्र में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी ज्यादा अंदर तक फैल रखी है वहा तक पहुंचने में हम सभी को बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ेगा पर चंद रसूखदार किसानों का अवलोकन करने पर बहुत सी स्थिति अपने आप सभी के सामने आ जाती है। हमने राजपुर धान खरीदी केंद्र के मंडी के पूर्व अध्यक्ष के धान विक्रय करने की स्थिति का अवलोकन किया तो हमे पता चला की उन्होंने लगभग 595 क्विंटल धान विक्रय किया है।वही भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और राजपुर मंडी एक सदस्य ने अपने लगभग 6 एकड़ धान रकबा की जगह लगभग 15 एकड़ रकबा में धान विक्रय किया है।अब इन रसूखदारों की बिना सहमति से कोई कार्य कैसे संभव हो सकता है यह सोचनीय विषय है ।जब रकबा फर्जी हुआ है तो धान भी फर्जी ही तौल हुवे होंगे और जब धान ही फर्जी तौल हुवे है तो इनका उठाव भी फर्जी ही हुआ है।इसमें किस किस की संलिप्तता हुवी होगी यह सभी को समझ में अब आ ही गई है। जिन जिन किसानों के खाते में रकबा बढ़ा कर धान विक्रय हुआ है उनके रकबे के साथ साथ उनके खाते की जांच होने से यह स्पष्ट हो जाएगा की उनके खाते में जो अधिक रकबा के धान की कीमत का भुगतान हुआ है वह किस तरह से किसके द्वारा आहरित किए गए है। अगर समस्त धान खरीदी की सुक्ष्म जांच होंगी तो इसकी जड़े निश्चित ही बड़ी दूर तक प्राप्त होंगी और साथ में और भी कई गंभीर बाते सामने आएंगी।