विशेष रिपोर्ट
धरमजयगढ़ – रायगढ़ जिले के विकासखंड धरमजयगढ़ के कई गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। विकासखंड में कई गांव ऐसे हैं जहां विकास का नामोनिशान नहीं है। यहां रहने वाले ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है।वहीं यहां के विभागीय अधिकारी अपने कुर्सी छोड़कर गांव का दौरा करना नहीं चाहते। ग्रामीण अधिकारियों के पास दौड़-दौड़ कर परेशान हो गए। लेकिन गांव में अब तक शुद्ध पानी नसीब नहीं हुआ। ऐसा ही एक गांव ग्राम
पंचायत कमोसीनडांड के सड़क पारा में रहने वाले ग्रामीणों का है,जो पिछले कई वर्षो से पेयजल संकट का सामना करना कर रहे है। यहां के ग्रामीण कुंवें का दूषित पानी पीने को मजबूर है तथा तालाब के दूषित जल से नहा कर संक्रामक बीमारियों से कई बार ग्रसित भी हो चुके है पर ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इन्हे साफ जल मुहैया कराया और न ही अधिकारियों ने इनकी खबर ली ऐसे में इस मुहल्ले के ग्रामीण अब करे तो करे क्या की स्थिति का समाना करते देखे जा रहे है इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने बताया की कुंवा और तालाब का दूषित पानी पीने से की बार वो बीमार पड़ जाते है तथा उन्हें दाद खाज और खुजली जैसे संक्रामक बीमारियों से जूझना पड़ता है वहीं गांव की महिलाओं ने बताया की इस विषय को लेकर उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत के सरपंच को बताया
किंतु ना तो सरपंच ने किसी प्रकार का ध्यान दिया और न ही अफसरों ने उनकी इस समस्या का हल निकाला।आपको बता दें कि इस मुहल्ले में एक हेडपंप भी है किंतु उसमे भी पानी नही निकलता और काफी संघर्ष के बाद अगर निकलता भी है तो गंदा पानी जो पीने योग्य नहीं होता है।