डेस्क खबर खुलेआम – लैलूंगा
अविश्वास की राह में लैलूंगा भी
विधायक , ब्लॉक अध्यक्ष की भूमिका पर उठने लगे सवाल
धरमजयगढ़ घरघोड़ा में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद अब रायगढ़ नगर निगम तथा लैलूंगा नगर पंचायत में राजनीतिक उठापटक का दौरा चल रहा है जिसके चलते अस्थिरता बनी हुई है। आलम यह है कि नगर पंचायत कांग्रेस के पार्षदों ने अपने ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर के नाम एसडीएम को आवेदन सौंपे है। इस आवेदन के बाद से कांग्रेस की राजनीति में उथल-पुथल मचा कर रख दिया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्षदो ने आवेदन के माध्यम से बताया कि नगर पंचायत लैलूंगा के अध्यक्ष मंजू देवी मित्तल द्वारा नगर विकास के लिये किसी भी प्रस्ताव पर अमल नहीं किया जाता है, अध्यक्ष द्वारा पी.आई.सी की बैठक में मनमाने तरीके से प्रस्ताव करते हुये भ्रष्टाचार किया जा रहा है। नगर में पद आसिन से अब तक साफ-सफाई पेय जल विद्युत व्यवस्था पुरी तरह चरमराई हुई है। आम जनता के हित हेतु कोई भी कार्यों का इनके द्वारा नहीं कराया जा रहा है। स्वयं के भतीजा एक ठेकेदार है जिसके साथ मिलकर करोड़ो रूपयों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अध्यक्ष के द्वारा पार्षदों से किसी भी समस्या के समाधान हेतु निर्णय नहीं लिया जाता है। इस मुद्दे को लेकर नगर पंचायत लैलूंगा के पार्षदगण, अध्यक्ष नगर पंचायत लैलूंगा के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते है। कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह अपने कांग्रेसी अध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर रहे हैं ऐसे में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के कार्यशाली भूमिका पर सवाल खड़ा कर दिया है।
विधायक और ब्लाक कांग्रेस की भूमिका सवालों के घेरे में
गौरतलब हो कि लैलूंगा जनपद से लेकर पंचायत में कांग्रेस पार्टी के हाथ सत्ता है। इतना ही नही यहां के विधायक कांग्रेस से ही आते है। और उक्त अध्यक्ष उनके के दायरे में सिपहसालार है। ऐसे में हाल ही के दिनों में धरमजयगढ़ की कुर्सी गवांए जाने के बाद घरघोड़ा में उथल पुथल के बीच कुर्सी पाने में कांग्रेस पार्टी सफल रही । घरघोड़ा में संख्या बल के लिहाज से 11 कांग्रेस के पार्षद होने ये बावजूद वे माह भर्ती अज्ञातवास में घूमते रहे। इन सभी कांग्रेस के अध्यक्ष के विरुद्ध अविस्वाश प्रस्ताव कांग्रेस के पार्षदो द्वारा लाना कही ना कही स्थानीय विधायक कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठते है।
डेढ़ साल पहले भी शिकायत कर चुके है सीएम से
नगर पंचायत घरघोड़ा के बाद जिले में लैलूंगा सुर्खियां बटोर रहा है। यह स्थिति तब बनी है जब डेढ़ साल पहले नगर पंचायत के पार्षदों द्वारा सीएम भूपेश बघेल से मिलकर अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए हटाने का आवेदन सौंपा है। परंतु इस आवेदन के बाद से जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया और बढ़ते बढ़ते यह आज बवंडर की स्थिति पर आ गया है।